लखनऊ: त्यौहार दीपावली का हो या फिर होली का. त्यौहार की रौनक अपनों के साथ ही होती है. लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके घरों में त्यौहार की रौनक तो होती है लेकिन किसी एक के दूर रहने से त्यौहार की रौनक खुशियों में तब्दील नहीं हो पाती. उत्तर प्रदेश की 70 जेलों में एक लाख से ज्यादा कैदी बंद है. जब दुनिया दिवाली की खुशी मना रही है भाई दूज के मौके पर बहनें भाई का टीका कर रही हैं तो वहीं इन जेलों में बंद तमाम ऐसे भाई और पिता हैं जिनका माथा सूना है. इनकी बहनें, बेटियां, मां कोरोना के चलते मुलाकात नहीं कर पा रही हैं और माथे पर रक्षा का टीका भी नहीं लगा पा रही हैं.


खुश हो गए कैदी
इस बार उत्तर प्रदेश कारागार और सुधार विभाग ने एक नई शुरुआत की है. ये शुरुआत जेल में बंद कैदियों में इंसानियत और कानून के पालन की भावना को बढ़ाने की है. भाई दूज के मौके पर उत्तर प्रदेश की सभी जेलों में सीधे मिलाई तो नहीं करवाई गई लेकिन जेल के गेट पर पहुंची बहनों की भाइयों से कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए बात करवाई गई. कई बहनों ने जेल कर्मियों को वीडियो रिकॉर्ड कर सलाखों के पीछे बंद भाई के लिए मैसेज भेजा कि भाई तुम चिंता मत करना हम जल्दी साथ में होंगे, हिम्मत मत हारना. जेल में बंद भाई और पिता भी बाहर से आए इस संदेश को देखकर खुश हुए. तमाम कैदियों की तो आंखें छलक पड़ीं.


पुलिस ने निभाई बड़ी भूमिका
नोएडा, बिजनौर, चित्रकूट, मुरादाबाद और कासगंज समेत हर जेल पर प्रशासन की तरफ से टेलीफोन लाइन से या फिर अधिकारियों और जेल कर्मियों के मोबाइल फोन पर रिकॉर्डेड मैसेज लिया गया और अंदर जेल कर्मियों ने अपने मोबाइल से कैदियों तक ये संदेश पहुंचाया.


मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश
डीजी जेल आनंद कुमार की मानें तो जेल में बंद कैदियों को अपराध बोध कराने के साथ-साथ उनको समाज के मुख्यधारा से जोड़ने की भी ये कोशिश है. जेल में रहकर वो अपने किए अपराध का प्रायश्चित तो करें लेकिन अपराध से तौबा भी कर लें, यही कोशिश है.



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