Bharat Band News: अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरोध में आज भारत बंद बुलाया गया है. जिसका देश के कई राज्यों व्यापक असर देखने को मिल रही है. ये बंद विभिन्न दलित संगठनों द्वारा बुलाया गया है. तमाम विपक्षी दलों ने इसका समर्थन किया है. वहीं बहुजन समाज पार्टी भी इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर दिखाई दे रही है. यह तस्वीरें उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की मुश्किल बढ़ा सकती है.
बसपा सुप्रीमो मायावती शुरू से ही इस मुद्दे के खिलाफ मुखर होकर बोल रहीं हैं. यहीं नहीं पार्टी दशकों बाद भारत बंद के समर्थन में सड़कों पर दिखाई दे रही है. वो भी तब जबकि बसपा का यूपी में एक भी सांसद नहीं हैं और सिर्फ एक विधायक है. बसपा के समर्थन के बाद यूपी में भारत बंद में नई जान आ गई है. बड़ी संख्या एससी एसटी समाज के लोग इसके समर्थन में सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं.
बसपा के समर्थन ने भारत बंद में आई जान
बहुजन समाज पार्टी ने भारत बंद को सफल बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है. बसपा के समर्थन के बाद प्रदेश में बड़े स्तर पर इसका असर देखने को मिल रहा है. लोगों ने सड़कों पर निकलकर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का विरोध किया. आगरा, हाथरस लोगों की भीड़ सड़कों पर दिखाई. कई जगहों यातायात प्रभावित हुआ और रेल सेवाएं भी प्रभावित हुई है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भारत बंद का समर्थन करते हुए कहा भाजपा व कांग्रेस के आरक्षण विरोधी षडयंत्र कर इसे खत्म करना चाहती है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्रीमी लेयर को लेकर दिए गए फैसले को लेकर समाज में विरोध है. उन्होंने लोगों से इस फ़ैसले के विरोध में शांति पूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की और कहा कि आरक्षण के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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आकाश आनंद ने की अपील
मायावती के भतीजे और पार्टी के उत्तराधिकारी आकाश आनंद ने भी भारत बंद को समर्थन देते हुए कहा कि अपने बच्चों को बताए कि किस तरह बाबा साहेब, मान्यवर कांशीराम साहेब और बहन कु. मायावती ने आपको कितनी बड़ी वैचारिक और राजनैतिक ताकत दी है. जिसके बूते आज आप अपने अधिकारों और आज़ादी की रक्षा के लिए लड़ सकते हैं.
बसपा के भारत बंद में शामिल होने के बाद पार्टी के अंदर एक बार फिर से नई जान दिखाई दे रही है. प्रदेश में सियासी तौर पर बेहद कमजोर हो चुकी बसपा ने साबित कर दिया है कि भले ही यूपी में बसपा का सिर्फ एक विधायक है लेकिन पार्टी का जनाधार कम नहीं है. बसपा के वोटर्स आज भी उसके साथ जुड़े हुए हैं. जबकि लोकसभा चुनाव में बड़े स्तर पर दलित वोटर्स इंडिया गठबंधन के खड़े हो गए थे लेकिन अब जिस तरह से मायावती एक्टिव नजर आ रही है. उसके बाद माना जा रहा है कि बसपा एक बार फिर से अपने वोटरों में पैठ बनाते दिख रही है.