Bharat Bandh News: आरक्षण से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के हाल के आदेश को लेकर विभिन्न संगठनों द्वारा बुधवार को आहूत ‘भारत बंद’ का उत्तर प्रदेश में मामूली असर रहा. आरक्षण के समर्थन में राज्य के कई हिस्सों में दलित संगठनों ने जुलूस निकाले, पदयात्रा की और प्रदर्शन किया.


राज्य में ज्यादातर दुकानें खुली रहीं और कामकाज सामान्य रूप से चलता रहा. अनुसूचित जातियों (एससी) के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हाल के एक आदेश से असहमत कुछ समूहों द्वारा आहूत एक दिन के ‘भारत बंद’ के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ा दी गई. बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी जैसे राजनीतिक दलों ने ‘भारत बंद’ का समर्थन किया है.


राजधानी लखनऊ में हजरतगंज और उसके आस-पास के कुछ प्रमुख मार्गों पर राजनीतिक कार्यकर्ता प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए, जिसके कारण यातायात प्रभावित हुआ. बंद के आह्वान के बावजूद दुकानें तथा बाजार खुले रहे और कारोबार सामान्य रहा.


आरक्षण समर्थक समूहों के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होने के लिए लखनऊ शहर के मध्य में आंबेडकर चौक पर बड़ी संख्या में बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक एकत्र हुए.


प्रयागराज में, बंद के मद्देनजर त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) के जवानों को तैनात किया गया. आगरा में, विरोध-प्रदर्शनों के एक समूह ने पैदल मार्च निकाला और नारे लगाए और कानपुर में भी इसी तरह के दृश्य देखे गए. शहर में बसों का संचालन भी सामान्य रहा.


अलीगढ़, हाथरस, गोरखपुर में भी हुए प्रदर्शन
उन्नाव, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, संभल, जालौन, इटावा, मथुरा, हाथरस और गोरखपुर, बस्ती समेत अनेक जिलों में भी आरक्षण के समर्थन में विभिन्न संगठनों द्वारा जुलूस निकाले जाने और प्रदर्शन किये जाने की खबरें मिली हैं.


प्रयागराज में बहुजन समाज पार्टी के एक कार्यकर्ता ने पार्टी कार्यालय में कहा, “बसपा कार्यकर्ता आरक्षण को समाप्त करने के विरोध में हैं. हम इस बारे में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे.”


चंद्रशेखर की पार्टी भी सड़कों पर
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में असर रखने वाली आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने बिजनौर, सहारनपुर और आसपास के जिलों में विरोध मार्च निकाला.


आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने ‘एक्स’ पर अपनी एक पोस्ट में कहा कि आज का जन आंदोलन केंद्र और राज्य सरकारों को एक स्पष्ट संदेश है कि अब बहुजन समाज ‘फूट डालो और राज करो’ की साजिश को सफल नहीं होने देगा.


पुलिस भी सड़कों पर
बंद के आह्वान से पहले पुलिस ने भी राज्य में सतर्कता बढ़ा दी और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार खुद राज्य मुख्यालय से स्थिति की निगरानी की


प्रदेश पुलिस ने ‘एक्स’ पर कहा, “पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार द्वारा कतिपय राजनैतिक दलों द्वारा प्रस्तावित भारत बन्द के दृष्टिगत पुलिस मुख्यालय में बनाए गए नियंत्रण कक्ष का निरीक्षण किया एवं उक्त प्रस्तावित भारत बन्द के दौरान पूरे प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था सुदृढ़ रखने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए.”


सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या था?
सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को अपने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि राज्यों को अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, ताकि उन जातियों के उत्थान के लिए आरक्षण दिया जा सके जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ी हैं. हालांकि न्यायालय ने यह स्पष्ट किया है कि राज्यों को पिछड़ेपन और सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व के “मात्रात्मक और प्रदर्शन योग्य आंकड़ों” के आधार पर उप-वर्गीकरण करना होगा न कि राजनीतिक लाभ के आधार पर.


इस फैसले से असहमत देश भर के 21 संगठनों ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया है. संगठनों ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को नुकसान होगी.