Bharat Bandh in Uttarakhand: कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने आज भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया है जिसका उत्तराखंड (Uttarakhand) में मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है. भारत बंद का राजधानी देहरादून (Dehradun) में भी बहुत ज्यादा असर नजर नहीं आया. इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने कृषि कानून के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. उत्तराखंड इकाई के कई कार्यकर्ता घंटाघर पर इंद्रमणि बडोनी की मूर्ति पर पहुंचे, जहां उन्होंने पहले बडोनी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया और फिर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
हालांकि भारत बंद का देहरादून में बहुत ज्यादा असर नहीं दिखाई दिया. सभी बाजार खुले नजर आए. भारतीय किसान यूनियन की प्रदेश प्रभारी उषा तोमर ने कहा कि भारत बंद के लिए किसी से कोई जबर्दस्ती नहीं की गई है, सभी से आवाहन किया गया था कि वह भारतीय किसान यूनियन का भारत बंद में समर्थन करें. उषा तोमर ने कहा कि व्यापारियों ने अपनी मर्जी से समर्थन दिया है. बंद के दौरान जनता की भी परेशानियों को देखते हुए किसी भी दुकानदार या व्यापारी पर बंद के लिए दबाव नहीं डाला जा रहा है.
कृषि कानून के विरोध में आज संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर देश भर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. जनपद मुख्यालय रूद्रपुर में भी भारत बंद का असर देखने को मिला. सुबह से ही बाजार की दुकान बंद दिखाई दी. आवश्यक वस्तुओं की दुकान ही खुली रही. सड़कों पर अन्य दिनों की अपेक्षा सन्नाटा पसरा है. कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान नेता साहब सिंह ने आत्मदाह की चेतावनी भी दी है.
वहीं इसका असर उधम सिंह नगर जनपद में भी देखने को मिल रहा है. जनपद मुख्यालय रुद्रपुर के डीडी चौक, इंदिरा चौक, गावा चौक, नैनीताल रोड, काशीपुर बाईपास रोड सहित अन्य मार्गों पर सन्नाटा पसरा रहा. आवयश्क वस्तुएं सब्जी, दूध, फल, दवा लेने वाले ही सड़को में चहल कदमी करते हुए दिखाई दिए.
सभी चौराहों में भारी फोर्स तैनात दिखी
भारतीय किसान यूनियन चढूनी के जिला अध्यक्ष साहब सिंह ने कहा कि किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ कई बार विरोध प्रदर्शन कर चुका है और भारत बंद का ऐलान भी कर चुका है. लेकिन केंद्र की सरकार किसान के इस आंदोलन से नहीं जाग रही है. ऐसे में उन्होंने कहा कि अगर सरकार अब आज के इस भारत बंद के बाद भी अपनी आंखें नहीं खोलती है तो वह आत्मदाह करेंगे और उनके साथ कई किसान भी आत्मदाह करेंगे. जिसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी. बन्द के दौरान पुलिस प्रशासन भी सड़कों में मुस्तैद दिखाई दिए. सभी चौराहों में भारी फोर्स तैनात दिखी.
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