UP News: भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) का 3 दिवसीय चिंतन शिविर का मंगलवार को समापन हो गया है. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा केंद्र में बनी इस बार की सरकार स्टेपनी पर टिकी हुई है. ढाई साल से ज्यादा एनडीए की यह सरकार नहीं चल पाएगी. वैसे नई सरकार बनी है इसलिए नई सरकार से उम्मीदें रहती है. सरकार को ज्ञान प्राप्त हो गया कि किसानों का गांव गरीब आदिवासियों का काम होगा.
यूनियन ने कहा कि फिलहाल सब अपने-अपने दांव में है, जिसका जब तक दांव लगता रहेगा वह चलाता रहेगा लेकिन अभी दो ढाई साल तक तो चलेगी. जब तक प्रधानमंत्री हैं यह ढाई साल बाद में हट जाएंगे, बिना स्टेपनी की सरकार में कब कहां पंचर हो जाए कुछ नहीं पता, लेकिन फिलहाल यह सरकार ढाई साल चलेगी. समापन के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रतिक्रिया दी.
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100 दिन का एजेंडा तय
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय चिंतन शिविर में 100 दिन का एजेंडा तय किया गया है, जिसमें संगठन को मजबूत करने पर चिंतन के साथ-साथ किसान विरोधी कानूनों के विरोध करने पर फैसला लिया गया हैं. उन्होंने कहा कि किसानों के रोज नए संगठन बन रहे हैं. यह और कुछ नहीं भारत सरकार की एक सोची समझी साजिश है, जिससे किसी तरह से कमजोर किया जा सके भारत सरकार किसान और सिख को बदनाम करना चाहती है.
बता दें कि राकेश टिकैत बीते लंबे समय से मोदी सरकार की योजनाओं और कार्यशैली पर सवाल खड़े करते रहे हैं. वह हमेशा मोदी सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं और उनकी नीतियों का खुलकर विरोध करते रहे हैं. अब नई सरकार बनने के बाद भारतीय किसान यूनियन का यह पहला चिंतन शिविर था, जिसमें आगे की रणनीति पर मंथन किया गया है और उसके बाद उनका बयान आया है.