Independence Day 2021: स्वतंत्रता दिवस का मौका हो तो हर कोई अपने माध्यम से आजादी के भाव को महसूस करता है. वाराणसी का भारत माता का मंदिर आजादी के दीवानों के लिए आस्था का स्थल है. भारत माता के प्रति प्रेम रखने वाला हर कोई यहां जात पात से ऊपर उठकर आता है और दर्शन करता है.


सिगरा क्षेत्र में मौजूद मंदिर है आस्था का केंद्र
वाराणसी के सिगरा क्षेत्र में मौजूद है भारत माता का मंदिर. ये मंदिर देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जो ना सिर्फ देश प्रेमियों की आस्था का केंद्र है बल्कि अपने आप में आजादी के इतिहास को संजोए हुए है. आज भी इस मंदिर में आने वाला हर कोई भारत माता के प्रति अपने भाव को प्रकट करके अखंड भारत के नक्शे को प्रणाम करता है.


क्या है इतिहास
आपको बता दें, कि इस मंदिर का निर्माण 1918 में शुरू हुआ और 1924 में ये बनकर तैयार हो गया था. 25 अक्टूबर 1936 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इसका उद्घाटन किया था. उद्घाटन के दौरान सरदार वल्लभ भाई पटेल अब्दुल गफ्फार खान और भगवान दास के अलावा शिवप्रसाद गुप्त मौजूद रहे. ये मन्दिर किसी सम्प्रदाय का नहीं बल्कि आजादी के दीवानों का धर्मिक स्थल है. आजादी के आंदोलन में भारत माता का मंदिर क्रांतिकारियों का प्रमुख केंद्र बनता था.


स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा है नाता
स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े क्रांतिकारी नेता चंद्रशेखर आजाद कई बार भारत माता के मंदिर में आए थे. मन में देश की एकता अखंडता के भाव को लिए आजादी का अलख जगाने वाला हर कोई एक बार यहां जरूर आता है.


मंदिर में की गई खास तैयारी
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत माता के मंदिर में साफ सफाई की गई है. इसके साथ ही यहां पर परिसर के भीतर इस बार कोरोना गाइडलाइन के पालन के साथ अंदर आने की व्यवस्था की गई है.



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