चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न के बाद उठ रहे 6 सवाल, जानें- पश्चिमी यूपी में BJP के लिए कितना निर्णायक होगा ये फैसला
Chaudhary Charan Singh को Bharat Ratna से सम्मानित करने के एलान के बाद यूपी की सियासत में अलग हवा बह रही है. केंद्र के इस फैसले का कई राजनीतिक दलों ने खुले मन से स्वागत किया है.
UP Politics: केंद्र सरकार ने बीते शुक्रवार भूतपूर्व प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह को सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित करने का एलान किया है. इसकी जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर दी. पीएम मोदी ने लिखा था- हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है. यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है. उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था. ॉ
पीएम ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की. वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे. हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है.
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद जब राष्ट्रीय लोकदल के नेता और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए में जाने के सवाल पर कहा था- 'किस मुंह से इनकार करूं?' सूत्रों का दावा है कि रालोद ने एनडीए में शामिल होने के लिए यह शर्त रखी थी कि भूतपूर्व पीएम को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए. केंद्र द्वारा एलान के बाद यह लगभग तय हो गया है कि रालोद, एनडीए में शामिल होगी.
उठ रहे ये 6 सवाल
इस बीच कुछ सवाल उठ रहे हैं कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से बीजेपी को क्या फायदा होगा? इस संदर्भ में 6 अहम सवाल हैं.
-चौधरी के सम्मान से बीजेपी को मिलेगा वोटों का मान?
-क्या पश्चिमी यूपी और हरियाणा में फायदा होगा?
-क्या देशभर के जाट वोटर्स बीजेपी से जुड़़ेंगे?
-क्या जयंत चौधरी जल्द ही NDA का हिस्सा होंगे?
-क्या पश्चिमी यूपी की सीटों पर सीधा असर पड़ेगा?
-क्या गन्ना किसानों का झुकाव बीजेपी की ओर बढ़ेगा?
पश्चिमी यूपी का क्या है समीकरण?
दीगर है कि पश्चिमी यूपी में जाट मतदाता निर्णयाक हैं. इस क्षेत्र में कुल 27 लोकसभा सीटें हैं और इसमें से 10-12 लोकसभा सीटों पर जाट वोटर्स का सीधा असर है. वहीं 11 जिलों में जाट मतदाताओं की भूमिका निर्णायक है. पश्चिमी UP में 17% आबादी जाटों की है. विधानसभा के संदर्भ में बात करें तो 50 सीटों पर जाट निर्णायक स्थिति में हैं.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र की 27 में से 19 पर बीजेपी, 4-4 पर बसपा और सपा को सफलता मिली थी. साल 2014 के चुनाव में बीजेपी ने इस क्षेत्र से 77 फीसदी वोट हासिल कर 24 सीटें जीती थीं. वही साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 109 सीटें जीतीं और दावा है कि 39% जाट वोट मिले. 39% जाट वोट मिले. अब यह समय के गर्भ में है कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला बीजेपी के लिए चुनाव में कितना मददगार साबित होगा.