(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ganga Exclusive: सरकार पर बरसे राकेश टिकैत, कहा- रामपुर में किसका धान एमएसपी पर खरीदा जा रहा है
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, रामपुर में जो धान उगाया नहीं गया, उसे एमएसपी पर लिया जा रहा है.
Rakesh Tikait Interview Exclusive: भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार और उसके नुमाइंदों पर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि, जिस रामपुर में धान की फसल को सरकार एमएसपी पर खरीद रही है, वह धान रामपुर में पैदा ही नहीं होता. इतना ही नहीं, जिन जमीनों पर उगी फसल को एमएससी पर खरीदा जा रहा है, दरअसल उन जगहों पर पक्की कालोनियां बनी हुई हैं, ऐसे में हमे भी बताया जाए कैसे ये फसल खरीदी जाती है.
रामपुर में फर्जीवाड़े का लगाया आरोप
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एबीपी गंगा से खास बातचीत में कई बड़े आरोप लगाते हुए सरकार से पूछा कि, बिहार में पैदा होने वाला धान रामपुर के किसानों के नाम से कैसे खरीदा जा रहा है, रामपुर के किस जमीन पर ये धान उगाया जा रहा जरा हमे भी बता दें.
महापंचायत के लिए किसानों को कर रहे हैं जागरूक
एबीपी गंगा से खास बातचीत के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा पांच सितंबर को होने वाली किसान महापंचायत के लिए वो सोशल मीडिया से लेकर प्रेस वार्ता के जरिए लोगों को जानकारी दे रहे हैं. साथ ही किसान गांव-गांव जाकर कृषि कानून के बारे में बता रहे और महापंचायत को लेकर भी उन्हें तैयार रहने को कह रहे हैं.
किसान नेता राकेश टिकैत ने सूर्य प्रताप शाही के बयानों पर कहा कि, किसान किसी के हाथ की कठपुतली नहीं बनेगा. किसान आंदोलन को कोई हाईजैक नहीं कर सकता है. किसान अपनी बातों को पूरी मजबूती के साथ पहले भी रखता रहा है और आगे भी रखता रहेगा. किसान जब तक तीनों कानून वापस नहीं हो जाते तब तक आंदोलन जारी रखेगा, क्योंकि सरकार किसानों से बात नहीं करना चाहती है, क्योंकि सरकार शर्तों के साथ किसानों से बात करना चाहती है और किसान शर्तों के साथ सरकार से बात करने को तैयार नहीं है.
बिना शर्त किसानों से बात करे सरकार
अगर सरकार बिना शर्त के साथ किसानों से बात करें तो, किसान बात करने के लिए तैयार है, नहीं तो यह आंदोलन निरंतर जारी रहेगा. राकेश टिकैत ने कहा कि, 8 महीने से ज्यादा का वक्त बीत गया. सर्दी, गर्मी, बरसात और कोरोना महामारी जैसे हालात में भी किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहे लेकिन यह सरकार है कि किसानों की हर बात को नजरंदाज कर रही है.
सरकार पर सवाल
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, देश में कहां किसानों की फसल एमएससी पर खरीदी जा रही है. सरकार बताएं उत्तर प्रदेश में धान की फसल किसान से महज 5% ही खरीदी जाती है और 95% उन लोगों से खरीदी जाती है जो किसानों से ही सस्ते दामों पर अनाज खरीद कर सरकार को एमएसपी पर भेजते हैं. और ऐसा ही हाल गेहूं समेत अन्य फसलों का भी है, जिन्हें किसानों से 5 या 10 प्रतिशत खरीदा जाता है बाकी उन मुनाफाखोरी से फसल पर खरीदनी है जिन्होंने सस्ते दामों में किसानों से फसल खरीद कर अपने गोदाम भर रखे हैं.
उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि, उत्तर प्रदेश के रामपुर में किसानों के नाम पर धान की वह फसल एमएसपी पर खरीदी जा रही है जो रामपुर में पैदा ही नहीं होता, जिस की खेती सीतापुर से लेकर बिहार तक होती है, ऐसे में सरकार और उसके नुमाइंदे यह बताएं कि, आखिरकार यह धान रामपुर के खेत में पैदा हो रहा है, राकेश टिकैत यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि, सरकारी कागजों में तो किसानों की फसल उन खेतों से खरीदी जा रही है जहां पर पक्की कालोनियां बन चुकी हैं और इसका खुलासा वो जल्द ही करने वाले हैं.
जारी रहेगा आंदोलन
गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसानों का कहना है कि, जब तक सरकार कानून वापस नहीं लेती है, तब तक उनका आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा कुछ किसान तो ऐसे थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए सीमाओं पर जंग लड़ी और गाजीपुर बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर जंग लड़ रहे हैं.
हालांकि, एबीपी गंगा ने किसान नेता राकेश टिकैत से यह भी जानने की कोशिश की कि, आखिरकार यह आंदोलन कब खत्म होगा. उन्होंने कहा कि, जब सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले लेगी और जब तक सरकार ऐसा नहीं करती है तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा, और एक न एक दिन सरकार को हमारी बात माननी ही पड़ेगी.
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