(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सरकार के खिलाफ गोरखपुर में भारतीय किसान यूनियन का बड़ा प्रदर्शन, किसान कानून वापस लेने की मांग
किसान कानून के खिलाफ सरकार घिरती नजर आ रही है. सोमवार को गोरखपुर में भारतीय किसान यूनियन ने केंद्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की. जिला इकाई ने पदयात्रा निकालते हुये सरकार पर निशाना साधा.
गोरखपुर. किसान बिल को लेकर पूरे देश में विरोध हो रहा है. भारतीय किसान यूनियन ने गोरखपुर में विभिन्न मांगों को लेकर विरोध मार्च निकाला. गोरखपुर के प्रमुख गोलघर से विरोध मार्च के रूप में पद यात्रा निकालते हुए भाकियू के कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा. इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में भाकियू कार्यकर्ताओं ने किसान बिल वापस लेने की मांग भी की.
पदयात्रा निकाल सरकार पर साधा निशाना
भारतीय किसान यूनियन जिला इकाई ने गोरखपुर में विभिन्न मांगों को लेकर आज गोलघर की सड़कों पर पद यात्रा निकालकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा. भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी और किसानों ने गोलघर की सड़कों पर नारेबाजी करते हुए किसान कानून वापस लेने का मांग की. किसानों की ओर से मांग करते हुए भाकियू के मंडल अध्यक्ष रामकिशन सिंह ने कहा कि भारत सरकार किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए जो तीन नए कानून बनाये हैं, इसका भारतीय किसान यूनियन पूर्ण रूप से विरोध करती है.
क्रय केंद्र न्याय पंचायत स्तर पर खोला जाए
उन्होंने कहा कि ये कानून किसान विरोधी है. भारत सरकार किसानों की हितैषी है, तो यह तीनों कानून को रद्द किया जाए और इसे वापस लिया जाए. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि क्रय केंद्र न्याय पंचायत स्तर पर खोला जाए. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदारी की जाए. कोई भी सरकारी मूल्य से कम में अनाज खरीदे, तो उसे जेल हो. जिससे सभी छोटे-बड़े किसानों की पहुंच में हो. क्रय केंद्र वर्ष में 12 महीने खोले जाए. जिससे जब चाहे किसान अपनी फसल भेज सके और उसका पैसा खाते में तत्काल पहुंच जाए.
वापस लें बिल
रामकिशन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भगवान सद्बुद्धि दें और वे किसान बिल वापस ले लें. नहीं तो इसका परिणाम उन्हें भुगतना पड़ेगा. पूरे देश में किसान आंदोलनरत हैं. क्योंकि किसान अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनाज बेचने कहां जाता है. ट्रक से माल तो व्यापारी बेचता है. उन्होंने कहा कि किसान तो चार-पांच क्विंटल अनाज ही बेच पाता है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि वे किसान बिल को वापस ले लें. ऐसा कानून किसान हित में नहीं है. बल्कि किसान विरोधी है.
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