CAA और दलितों की पिटाई के विरोध में भीम आर्मी ने बुलाया भारत बंद, पश्चिम यूपी में अलर्ट
भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने रविवार को भारत बंद बुलाया है। नागरिकता कानून, एनआरसी और दलितों की पिटाई के विरोध में इस बंद का आह्वान किया गया है
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA), एनआरसी, एनपीआर और सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरी में प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए सरकार को आदेश देने से इनकार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि प्रमोशन और सार्वजनिक सेवा की नौकरियों में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है और इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार नहीं है। भारत बंद को बिहार में महागठबंधन ने समर्थन दिया है। महागठबंधन में शामिल घटक दल समर्थन की घोषणा की है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के नेताओं ने भारत बंद के दौरान बिहार के जिलों में सड़कों पर उतरने की बात कही है। वहीं, आरजेडी, आरएलएसपी और विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) ने भी बंद को समर्थन देने की बात कही है और कहा है कि भारत बंद का बिहार में व्यापक असर रहेगा।
मेरी पूरे बहुजन समाज से अपील है कि नाइंसाफी के खिलाफ आवाज उठाना हमारा मौलिक अधिकार है इसलिए शांतिपूर्ण ढंग से भारत बंद करवाएं। किसी भी अप्रिय घटना से बचें। भाजपा के लोग आपको उकसाने की कोशिश करेंगे किसी भी प्रकार के उकसावे में न आएं। जय भीम #23फरवरी_भारत_बंद
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) February 23, 2020
इस बीच चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट किया है। उन्होंने कहा है कि 'मैं सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील करता हूं कि 23 फरवरी के भारत बंद में सहयोग करें। जय भीम। मेरी पूरे बहुजन समाज से अपील है कि नाइंसाफी के खिलाफ आवाज उठाना हमारा मौलिक अधिकार है इसलिए शांतिपूर्ण ढंग से भारत बंद करवाएं। किसी भी अप्रिय घटना से बचें। भाजपा के लोग आपको उकसाने की कोशिश करेंगे किसी भी प्रकार के उकसावे में न आएं।'
पश्चिम यूपी में अलर्ट
भारत बंद को लेकर पश्चिम यूपी में अलर्ट किया गया है। मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि हम स्थिति पर पैनी निगाह बनाए हुए हैं। खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट को एक-दूसरे से शेयर किया जा रहा है। अभी तक के इनपुट के अनुसार भारत बंद का वेस्ट यूपी में खास असर नहीं रहेगा। लेकिन दो साल पहले दो अप्रैल 2018 को हुई हिंसा के मद्देनजर चौकसी बरती जा रही है। सभी एसएसपी को फील्ड में रहने का निर्देश दिया है। मेरठ एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि दो अप्रैल 2018 को आरक्षण में संशोधन को लेकर मेरठ में हिंसा हुई थी। इस हिंसा में जिन लोगों के नाम सामने आए थे, उन सभी पर पुलिस की नजर है।