गोरखपुर: भीम आर्मी के चीफ चन्‍द्रशेखर शनिवार को गोरखपुर पहुंचे. यहां पर उन्‍होंने ग्राम पंचायत सचिव अनीश कन्‍नौजिया और प्रियंका कुमारी के परिवार से मिलकर उन्‍हें ढांढस बंधाया. मीडिया से बात करते हुए उन्‍होंने सरकार, जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के ऊपर सवाल उठाए और पीडि़त परिवार को न्‍याय दिए जाने के साथ एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता और परिवार के सदस्‍य को नौकरी की मांग के साथ दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की. उन्‍होंने कहा कि, दोनों ही मामलों की सीबीआई जांच होनी चाहिए. उन्‍होंने कहा कि वे जब तक शरीर में जान है, पीडि़त परिवार के न्‍याय की लड़ाई लड़ेंगे.


भीम आर्मी चीफ चन्‍द्रशेखर गोरखपुर पहुंचे, तो सैकड़ों की संख्‍या में कार्यकर्ताओं ने नारे लगाकर उनका स्‍वागत किया. शाम को वे गोरखपुर के दक्षिणांचल में गोला थानाक्षेत्र के उनौला गांव पहुंचे. यहां पर उन्‍होंने उरुवां में तैनात रहे ग्राम पंचायत सचिव अनीश कन्‍नौजिया के चित्र पर पुष्‍पांजलि अर्पित कर उन्‍हें नमन किया. गगहा के एक गांव के ब्राह्मण परिवार की लड़की दीप्ति मिश्रा से प्रेम विवाह करने वाले ग्राम पंचायत सचिव अनीश कन्‍नौजिया की गोला में ही सरेराह 24 जुलाई को धारदार हथियार से बाइक सवार दो बदमाशों ने हत्‍या कर दी थी.


परिवार के साथ हैं न्याय की लड़ाई में


चन्‍द्रशेखर ने पीडि़त परिवार से मिलकर मरते दम तक उनके साथ न्‍याय दिलाने के लिए खड़े रहने का भरोसा दिया. उन्‍होंने कहा कि, वे पीडि़त परिवार से मिलने के लिए आए हैं. वे राजनीति करने नहीं आए हैं. उनके काफिले के वाहन को पहले संतकबीरनगर और गोरखपुर की सीमा पर रोक दिया गया. उन्‍होंने कहा कि, ये हारर किलिंग का मामला है. 17 आरोपियों में महज 10 को गिरफ्तार किया गया है. बाकी में तीन को कोर्ट में पुलिस की मिलीभगत से सरेंडर कराने की बात सामने आ रही है. उन्‍होंने कहा कि इस मामले में सरकार, जनप्रतिनिधि और पुलिस के कुछ अधिकारी भी मिले हुए हैं.


सीबीआई जांच की मांग


चन्‍द्रशेखर ने कहा कि, सीबीआई जांच हो और आरोपियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई के साथ उन्‍हें सख्‍त से सख्‍त सजा दी जाए. इसके साथ ही उन्‍होंने पीडि़त परिवार को एक करोड़ रुपए की आर्थिक मदद और परिवार के सदस्‍य को सरकारी नौकरी देने की मांग की. उन्‍होंने सवाल उठाया क‍ि, आखिर जब प्रेम विवाह करने वाले अनीश कन्‍नौजिया और उनकी पत्‍नी दीप्ति मिश्रा ने छह माह पहले ही सुरक्षा मांगी थी, तो उन्‍हें सुरक्षा क्‍यों नहीं दी गई. उन्‍होंने कहा कि अब सुरक्षा देने से कोई फायदा नहीं है. उन्‍होंने कहा कि योगीराज में रामराज्‍य आने का दावा किया जा रहा है. लेकिन, इस सरकार में यूपी में दलित सुरक्षित नहीं हैं. उन्‍होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि कई अधिकारी और जनप्रतिनिधियों का भी चेहरा इससे सामने आ जाएगा.


प्रियंका के परिवार के साथ


गोला के उनौला के बाद चन्‍द्रशेखर रावण पादरीबाजार के रहने वाले विनोद कुमार के घर पहुंचे. उन्‍होंने विनोद के परिवार को ढांढस बंधाया और न्‍याय दिलाने का भरोसा भी दिया. उन्‍होंने कहा कि, पुलिस जांच के नाम पर पीडि़त परिवार को ही परेशान करने में लगी है. उन पर दबाव बनाया जा रहा है. जबकि उस विभाग की प्रमुख के घर पर 13 साल पहले भी इस तरह की घटना हो चुकी है. विभाग के लोगों और कर्मचारियों से कोई पूछताछ नहीं की जा रही है. उन्‍होंने कहा कि, प्रियंका के गले पर चोट के निशान और पैर जमीन पर सटे होने से ये साफ है कि उस होनहार बच्‍ची ने आत्‍महत्‍या नहीं की है. उसकी हत्‍या की गई है. लेकिन, मामले में लीपापोती की जा रही है. मजबूरीवश उन्‍होंने अधिकारियों से‍ मिलकर बात करने का फैसला किया है. वे पीडि़त परिवार को न्‍याय दिलाकर रहेंगे.


प्रियंका की संदिग्ध मौत


विनोद कुमार की 20 वर्षीय पुत्री प्रियंका कुमारी की लाश 31 जुलाई को दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग के स्‍टोर रूम में ट्यूबलाइट के फ्रेम से लटकती हुई मिली थी. हालांकि, पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में शरीर में कहीं चोट के निशान नहीं मिले और पुलिस ने इसे आत्‍महत्‍या करार दे दिया है. लेकिन लखनऊ से आने वाली टीम इस मामले की जांच करेगी और मामले के तह तक जाएगी. वो फोन काल और सर्विलांस के माध्‍यम से भी ये जानने की कोशिश करेगी कि आखिर उसके आत्‍महत्‍या की वजह पेपर खराब होना रहा है या फिर आत्‍महत्‍या की कोई और वजह है. 31 जुलाई को सुबह की पाली में परीक्षा देने के लिए गई छात्रा प्रियंका की संदिग्‍ध परिस्थितियों में मौत हुई. हालांकि पुलिस के आलाधिकारियों ने आत्‍महत्‍या करार दिया, लेकिन मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था.


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