लखनऊ, अनुभव शुक्ला। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ रावण ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती को एक पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिए रावण ने देश के मौजूदा हालात को लेकर जहां चिंता व्यक्त की है, तो वहीं उसने मायावती से यह अपील भी की है कि इस माहौल से देश को निकालने के लिए यह जरूरी है कि सभी मतभेद भुला कर एक साथ एक मंच पर आया जाए।


भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने मायावती को जो 4 पन्नों की चिट्ठी लिखी है उसमें साफ तौर पर लिखा है कि इस वक्त भारत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है और देश में सांप्रदायिक जातिवादी शक्तियों का बोलबाला बढ़ रहा है। चंद्रशेखर ने चिट्ठी में मायावती को यह भी बताया है कि कैसे बहुजन आंदोलन के सबसे मजबूत गढ़ उत्तर प्रदेश में बीजेपी मजबूत हुई है और 2019 के लोकसभा चुनाव में उसकी दोबारा वापसी हुई है।


चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने अपनी चिट्ठी में आगे लिखा है कि बहुजन समाज के लिए यह कठिन दौर है।बीजेपी के शासन में बहुजन समाज पर अत्याचार बढ़ा है। आरक्षण पर लगातार हमले हो रहे हैं। इस चिट्ठी में चंदशेखर ने उन मुद्दों को उठाया है जो समय-समय पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती खुद उठाती रहती हैं और उन्हीं मुद्दों को लेकर वह केंद्र पर हमले बोलती रहती हैं ।


अपने पत्र में चंद्र शेखर उर्फ रावण ने मायावती से यह भी अपील की है कि देश के इस मौजूदा हालात में हमें सभी मतभेद भुलाकर एक साथ बैठना चाहिए और विचार विमर्श करना चाहिए । क्योंकि विचार विमर्श से ही सही रास्ता खुलता है ।भीम आर्मी के संस्थापक ने साफ तौर पर पत्र में लिखा है कि मायावती कांशीराम की कोर टीम की सदस्य रही हैं और उनका अनुभव सबके लिए महत्वपूर्ण है। चंद्रशेखर आजाद और रावण ने यह उम्मीद जताई है कि चर्चा में शामिल होने के लिए मायावती समय जरूर निकालेंगी।


ये चिट्ठी ऐसे वक्त में लिखी गई है जब हाल ही में हुए चुनाव में बीएसपी उत्तर प्रदेश में एक भी सीट नहीं जीत पाई है और जलालपुर की सीट जो उसके पास थी वह भी गंवा बैठी है फिलहाल अब भीम आर्मी के संस्थापक को मायावती के जवाब का इंतजार है।