कुशीनगर, अखिलेश तिवारी: केंद्र सरकार की तरफ से कुशीनगर एयरपोर्ट को जल्द शुरू करने का निर्देश मिलने के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने तेजी से काम शुरू कर दिया है. इस एयरपोर्ट को जल्द शुरू करने और इंटरनेशनल मानकों को पूरा करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने नई टर्मिनल बिल्डिंग बनाने का काम शुरू कर दिया है. गोरखपुर एयरपोर्ट के निदेशक और निर्माणाधीन कुशीनगर एयरपोर्ट के निदेशक एके द्विवेदी ने नई टर्मिनल बिल्डिंग का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया.


नई टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जल्द शुरू कराने के लिए पुरानी टर्मिनल बिल्डिंग के स्थान पर नई टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है. जर्मन तकनीकी से बनने वाली इस टर्मिनल बिल्डिंग की लागत लगभग 26 करोड़ रुपए है. महाराष्ट्र की वेस्टर्न आउटडोर स्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड इस टर्मिनल बिल्डिंग को बना रही है जिसे तीन महीने में काम को पूरा करना है. अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुरक्षा और यात्रियों को ठहरने के मानकों को ध्यान में रखकर इस टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा.


मायावती ने की थी शुरुआत
कुशीनगर में पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने 5 सितंबर 1995 को अंग्रेजी हुकूमत में बनी हवाई पट्टी को विकसित करके इंटरनेशनल एअरपोर्ट बनाने शुभारंभ किया...इसके बाद 10 अक्टूबर 1995 को ही कांग्रेस सरकार के केंद्रीय विमानन मंत्री गुलाम नबी आजाद और यूपी के राज्यपाल मोती लाल वोरा ने टर्मिनल बिल्डिंग का शिलान्यास किया.


पास किया गया बिल
केन्द्र सरकार ने केंद्रीय कैबिनेट में कुशीनगर एंटरनेशनल एअरपोर्ट को पूरा करने का बिल पास करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल्द उड़ान शुरू करने का जिक्र किया है. अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हुए जल्द उड़ान शुरू करने के लिए नई टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण कराया जा रहा है जिसका भूमि पूजन कर शिलान्यास किया गया.


तीन महीने में पूरा होगा काम
गोरखपुर और कुशीनगर एयरपोर्ट के निदेशक एके द्विवेदी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन करके शिलान्यास किया. शिलान्यास कार्यक्रम के बाद एयरपोर्ट के निदेशक एके द्विवेदी ने बताया की ये एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर का है, इसलिए यहां की सुरक्षा व्यस्था, यात्रियों को रुकने के साथ ही अन्य सुविधाएं भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की होनी चाहिए. इसी को ध्यान में रखते हुए नई टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है. तीन महीने के भीतर इस टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण पूरा हो जाएगा जिसके बाद यहां से उड़ान शुरू हो जाएगी.


पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग खुश
आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय उड़ान से श्रीलंकाई सैलानियों की आमद बढ़ जाएगी. इससे पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग खुश हैं. अभी तक यहां आने वाले कुल विदेशी सैलानियों की संख्या 90 हजार है. इनमें चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, म्यांमार, भूटान के सैलानी शामिल हैं. इसमें श्रीलंका के सैलानियों की भागीदारी 10 फीसदी है. पर्यटन कारोबारी श्रीलंका के 9 हजार वार्षिक सैलानियों की संख्या को दो वर्षों के भीतर दोगुना होने की उम्मीद कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू होने से सैलानी कुछ घंटों में ही कुशीनगर पहुंच सकेंगे.



लग जाते हैं कई दिन
गौरतलब है कि, यहां आने में सैलानियों को कई-कई दिन लग जाते हैं. उन्हें यहां आने के लिए बोधगया या दिल्ली उतरना पड़ता है. फिर बस या ट्रेन से बौद्ध स्थलों का दर्शन करना होता है. ऐसे में वो समय और खर्च की अधिकता से ऊब जाने के साथ थकान से भर जाते हैं. अब सैलानी सीधे कुशीनगर उतरकर अपने आराध्य भगवान बुद्ध का दर्शन करने के साथ बुद्ध की जन्मस्थल लुम्बनी (नेपाल), ननिहाल कपिलवस्तु, बौद्ध स्थल संकिसा, श्रावस्ती जैसे स्थानों परा आसानी से जा सकेंगे.


खास है बुद्ध प्रतिमा
बौद्ध भिक्षु डॉक्टर भन्ते नन्दरत्न कहते हैं कि भगवान बुद्ध ने यहां महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था. इस स्थान का विशेष महत्व है. यहां भगवान गौतमबुद्ध की 5वीं सदी की शयनमुद्रा वाली प्रतिमा दुनिया भर के बौद्ध अनुयाइयों को आकर्षित करती है. यही कारण है कि सैलानी यहां चले आते हैं. खास कोंण से भिन्न-भिन्न मुद्राओं में दिखने वाली प्रतिमा के समक्ष पहुंच सैलानी भाव विभोर हो जाते हैं. सिर की तरफ बुद्ध चिंतन मुद्रा में और मध्य से मुस्कुराते हुए नजर आते हैं. वहीं, पैर की तरफ से सोते हुए नजर आते हैं. देश भर में बुद्ध की अपनी तरह की ये एकमात्र प्रतिमा है. यहां शांति मिलती है.


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