वाराणसीः सवालों के घेरे में है बीएचयू का कोविड अस्पताल, मरीजों की रहस्यमत मौत से हंगामा
वाराणसी का बीएचयू अस्पताल इन दिनों सवालों के घेरे में है. यहां कोरोना मरीजों की रहस्यमय मौत से हंगामा बरपा है.
एबीपी गंगा। पूर्वांचल का एम्स कहा जाने वाला बीएचयू कोविड अस्पताल सवालों के घेरे में है. यहां कोविड मरीजों की रहस्यमय मौत से हंगामा बरपा है. फिलहाल, जिलाधिकारी ने मामले की उच्च स्तरीय समिति से जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करने की बात कही है.
गौरतलब है कि बीएचयू कोविड अस्पताल विवादों का अस्पताल बन चुका है. बीते दिनों यहां शवों की अदला बदली की खबर ने व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए. वहीं, 23 अगस्त की देर रात कोविड मरीज ने सुपर स्पेशियलिटी काम्प्लेक्स की चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. इसके अलावा बीते दो दिनों से लापता डाफी निवासी युवक का शव नॉन यूज्ड एरिया के मेनहोल के पास मिला. जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. बीएचयू सुपर स्पेशियलिटी कॉम्प्लेक्स में शव मिलने पर जिलाधिकारी वाराणसी ने संज्ञान लिया है. फिलहाल, मामले की जांच की जा रही है.
हालांकि, इस मामले में कई बड़े सवाल हैं जिनके जवाब की सभी को तलाश है. जैसे कि आखिर हो रही मौतों का राज क्या है ?. एल 3 ग्रेड की सुविधाओं के अस्पताल में असुविधा क्यों है ?. यहां मरीज क्यों मर रहे हैं ? अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे अभी तक कमांड कंट्रोल रूम से कनेक्ट क्यों नहीं किये गए हैं ?. मंत्री सुरेश खन्ना से बातचीत का वजन बीएचयू प्रशासन ने क्यों नहीं लिया ?.
जिलाधिकारी के पत्र की बड़ी बात जिला प्रशासन की ओर से काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति को को पत्र लिखकर 23 अगस्त 2020 को एक व्यक्ति द्वारा कोविड अस्पताल से कूद जाने की घटना तथा एक व्यक्ति के गायब हो जाने और उसकी डेड बॉडी मिलने के प्रकरणों में उच्च स्तरीय समिति बनाकर जांच कराने की मांग की है. साथ ही गत सप्ताह शवों की अदला बदली में जांच समिति ने विश्वविद्यालय प्रशासन को रिपोर्ट दी है. उसमें दोषी कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई की गई, उसके बारे में भी रिपोर्ट मांगी है.
इसके साथ ही 11 अगस्त 2020 की श्री सुरेश खन्ना माननीय मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए पूछा गया है कि क्या बैठक में हुए निर्णय के अनुसार सभी वार्ड में सीसीटीवी कैमरा लगाकर एकीकृत कंट्रोल रूम संचालित हो गया है अथवा नहीं ?. यदि वार्ड में सीसीटीवी की निगरानी 24 घंटे हो रही होती तो संभवतः ये दोनों घटनाएं रोकी जा सकती थीं ?.
गौरतलब है कि कंट्रोल रूम को जिला कमांड सेन्टर से भी जोड़ा जाना था. जो अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है. यह कार्य नहीं हुआ हो तो दो दिन के भीतर पूर्ण करायें ताकि सभी वार्ड और कैंपस की 24 घंटे दोनों कंट्रोल रूम से निगरानी हो सके.
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