BHU-IIT Student Molestation Case: BHU-IIT में छात्र के साथ हुई छेड़खानी के विरोध में IIT कैंपस में छात्रों का प्रदर्शन तकरीबन 12 घंटे तक जारी रहा. इस दौरान रात में भी IIT जिम खाने में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी मौजूद रहे. प्रदर्शन में प्रमुख तौर पर छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के साथ-साथ क्लोज यानी सेपरेट आईआईटी कैंपस बनाने की मांग शामिल रही. BHU IIT प्रशासन ने सुरक्षा पुख्ता करने को लेकर छात्रों को आश्वासन दिया. 


आश्वासन के बाद समाप्त हुआ धरना-प्रदर्शन
हालांकि वाराणसी प्रशासन और BHU IIT प्रशासन के बीच इस मामले को लेकर लंबी बातचीत चली और छात्रों को लिखित तौर पर आश्वासन भी दिया गया है कि कैंपस की सुरक्षा को और मजबूत करने के साथ-साथ IIT छात्रों के अलावा किसी दूसरे लोगों के प्रवेश प्रतिबंधित विषयों पर एक हफ्ते में सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा. इस लिखित आश्वासन के बाद BHU आईटीआईटी के छात्रों का प्रदर्शन खत्म हुआ .इसको लेकर शिक्षा मंत्रालय से भी बातचीत की पूर्ण रूपरेखा तैयार कर ली गई है.


वहीं अब इस मामले को लेकर BHU के अन्य फैकल्टी के छात्र विरोध पर उतर आए हैं कि BHU आईआईटी संस्थान में किसी प्रकार का दीवार खड़ा करना या वहां अन्य छात्रों को प्रतिबंधित करना BHU परंपरा के खिलाफ है. कैंपस में सभी छात्राओं की सुरक्षा को बेहतर करने के उद्देश्य से सही निर्णय लिए जाएं, ना की विभाजनकारी नीतियों को लागू किया जाए.


विश्वविद्यालय प्रशासन की विभाजनकारी नीतियां - पतंजलि पांडे 
BHU शोध छात्र पतंजलि पांडे ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान बताया कि - विश्वविद्यालय परिवार के किसी भी छात्र के साथ ऐसा होना शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है. लेकिन अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने के बजाय महामना के इस परिसर को विभाजित नहीं किया जा सकता. सीधे-सीधे यह मालवीय जी के सिद्धांतों पर चोट है. आप परिसर में प्रत्यक्ष छात्रों की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करिए, यह परिसर को बांटने की साजिश है जिसे हम कभी स्वीकार नहीं कर सकते हैं.


केवल BHU IIT कि नहीं सभी छात्राओं की सुरक्षा जरूरी- छात्र
वहीं इसी मामले पर BHU के शोध छात्र मृत्युंजय तिवारी ने भी बातचीत के दौरान कहा कि - बीते दिनों छात्रा के साथ हुई घटना से सभी संकाय और विभाग के छात्र आक्रोशित हैं. लेकिन इस प्रकार के विचारधारा की BHU आईआईटी को सेपरेट या क्लोज कैंपस बनाया जाएगा यह बिल्कुल उचित नहीं है. BHU के पूरे परिसर की छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना विश्वविद्यालय परिवार की जिम्मेदारी है. सिर्फ इसे BHU आईआईटी से जोड़कर ही नहीं देखा जाना चाहिए और ना ही ऐसे किसी भी प्रकार के विभाजनकारी नीतियों को लागू करना चाहिए.


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