क्यों बढ़ते जा रहे हैं हार्ट अटैक के मामले? BHU वैज्ञानिक ने बताई वजह, बोले- देश के 5% लोगों पर मंडरा रहा खतरा
Heart Attack News: बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक के मुताबिक, देश के 7 करोड़ लोगों पर हार्ट अटैक का खतरा मंडरा रहा है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के अलावा एक जीन इसकी सबसे बड़ी वजह है.
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Heart Attack Reason: बीते दिनों देश के अलग-अलग शहरों से हार्ट अटैक से जुड़ी घटनाओं की ऐसी तस्वीर सामने आई जिसने लोगों को चिंता में डाल दिया. अपने दैनिक दिनचर्या के काम करते स्वस्थ युवाओं की हार्ट अटैक से हुई मौत की घटनाओं ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर किन वजहों से बीते वर्षों में स्वस्थ युवा भी इसके चपेट में आ रहे हैं. इसको लेकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के साइटोजेनेटिक प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे से एबीपी लाइव ने खास बातचीत की है.
देश की 5% आबादी पर हार्ट अटैक का खतरा
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे (साइटोजेनेटिक) ने एबीपी लाइव से बातचीत में बताया कि जहां एक तरफ कोरोना की वजह से लोगों के फेफड़े प्रभावित हुए हैं. हार्ट में स्वेलिंग की वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा है तो वहीं दूसरी तरफ भारत के लोगों में एक जीन पाया जाता है जिसका नाम है MYDPC3 और इस जीन में एक म्यूटेशन है और इसी म्यूटेशन की वजह से 35 से 45 वर्ष के लोगों पर हार्ट अटैक का खतरा सामान्य से 7 गुना बढ़ जाता है.
आंकड़ों के अनुसार ये जीन देश के तकरीबन 5% लोगों में मौजूद है. देश की 5% आबादी का मतलब 7 करोड़. निश्चित तौर भारत में रहने वाले तकरीबन 7 करोड़ लोगों पर सामान्य से 7 गुना अधिक हार्ट अटैक का खतरा है. इन आधारों पर हम कह सकते हैं कि बीते कुछ वर्षों में पोस्ट कोविड और MYDPC3 जीन की वजह से लोगों पर हार्ट अटैक का खतरा पहले से अधिक बढ़ा है.
इन बातों का रखें ध्यान
प्रोफेसर ज्ञानेश्वर ने ये भी कहा कि लोगों के वर्तमान रहन-सहन, लाइफस्टाइल, दैनिक दिनचर्या भी उनके स्वास्थ्य को खासा प्रभावित कर रही है. वर्तमान समय में लाइफस्टाइल डिजीज एक टर्म भी आ चुका है जिसमें डायबिटीज 2 और लीवर से संबंधित अन्य रोग भी शामिल हैं. तनाव-भागमभाग, बाहरी खान पान से बचना चाहिए. इसके अलावा उदाहरण के तौर पर दशकों पहले हमें निर्धारित समय के लिए ही भोजन मिलता था. हम एक दिन भोजन करने के पश्चात कई घंटे तक भूखे रहते थे, लेकिन अब हमें कम समय पर ही निश्चित अंतराल में भोजन मिलते हैं.
उन्होंने कहा कि तब के समय में अधिक समय तक भूखा रहने पर मनुष्य के शरीर में मौजूद एक जीन ग्लूकोज सहित कई आवश्यक पोषक तत्व लगातार सप्लाई करता था. लेकिन अब हमारे शरीर को पहले से ही मिल रहे पर्याप्त मात्रा में खान-पान पोषक तत्व के बाद वही जीन नुकसानदायक साबित हो रहा है. इसलिए युवाओं को विशेष तौर पर अपने खान-पान और दैनिक दिनचर्या का ख्याल रखना चाहिए. योग प्राणायाम एक्सरसाइज के साथ-साथ अधिक से अधिक पानी का सेवन करना चाहिए.
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