वाराणसी के पानी में यूरेनियम की मात्रा अधिक, GSI सर्वे के आधार पर BHU वैज्ञानिकों का दावा
2021 से पूर्व में GSI सर्वे की टीम ने वाराणसी में भू-जल सर्वे का कार्य किया था. इस दौरान तकरीबन 1200 सैंपल इक्क्ठा किए गए थे, जिसमें ग्राउंडवाटर मिट्टी और सेडिमेंट्स के सैंपल शामिल थे.
Varanasi News: सरकार और सामाजिक संस्थाओं की तरफ से स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ जल की अनिवार्यता के बारे में लगातार जागरूक किया जा रहा है. इसी क्रम में वाराणसी जनपद से एक चौंकाने वाला सर्वे सामने आया है. दरअसल, दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ माने जाने वाला यूरेनियम की मात्रा वाराणसी-जौनपुर सीमा वाले क्षेत्र के पानी में सामान्य से अधिक बताई गई है. यह साल 2021 में कलेक्ट किए गए तकरीबन 1200 सैंपल के GSI सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कहा जा रहा है.
लोगों द्वारा पीने जाने वाले पानी में सभी तत्वों की एक समान मात्रा होनी चाहिए तभी वह पानी पीने के योग्य होता है. ऐसे में देश भर में साफ पानी पीने की अनिवार्यता को लेकर लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है. इसी बीच GSI सर्वे के आधार पर BHU के भूगर्भ शास्त्र विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि वाराणसी स्थित कुछ क्षेत्रों के भूजल में यूरेनियम की मात्रा सामान्य से अधिक है.
दरअसल, 2021 से पूर्व में GSI सर्वे की टीम ने वाराणसी में भू-जल सर्वे का कार्य किया था. इस दौरान तकरीबन 1200 सैंपल इक्क्ठा किए गए थे, जिसमें ग्राउंडवाटर, मिट्टी और सेडिमेंट्स के सैंपल शामिल थे. इसमें लिए गए तकरीबन 10 पानी के सैंपल जो वाराणसी जौनपुर की सीमा से जुड़े हुए थे. उसमें यूरेनियम का कंसंट्रेशन सामान्य से थोड़ा ज्यादा था (कंसंट्रेशन 30 PPP से ज्यादा). यह पानी पीने के योग्य नहीं रह जाता.
यूपी में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर पर चलेगा बुलडोजर? तहसील से नोटिस जारी
गंभीर बीमारी का बन सकता है कारण
इसमें सोनपुरवा, बरहौना और कठीरांव जैसे गांव शामिल है. वैसे मिट्टी/अंडरग्राउंड में थोड़ी मात्रा में यूरेनियम का कंसंट्रेशन रहता है लेकिन अगर लंबे समय तक ऐसे पानी का नियमित सेवन किया जाता है तो यह हानिकारक हो सकता है. पेट और किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी का भी यह कारण बन सकता है.
वाराणसी को लेकर जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के यूरेनियम पाए जाने वाले रिपोर्ट के बाद अब BHU के भूगर्भ शास्त्र विभाग के वैज्ञानिकों ने कहा है कि हम अपनी टीम के माध्यम से आने वाले समय में इस विषय पर कार्य करेंगे. इस रिपोर्ट को लेकर हमने अपनी टीम के साथ विचार विमर्श किया है. वैसे वाराणसी के कुछ क्षेत्रों के भूजल में यूरेनियम पाए जाने वाला दावा GSI द्वारा इकट्ठा किए गए तकरीबन 1200 सैंपल के आधार पर किया गया था.