Chardham Yatra: केदारनाथ धाम के क्षेत्र रक्षक भुकुंट भैरवनाथ के कपाट विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं. इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भुकुंट भैरवनाथ का आशीर्वाद प्राप्त किया. केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले भैरवनाथ के कपाट मंगलवार या शनिवार को बंद किये जाने की परंपरा है, जिसका पालन सदियों से किया जा रहा है.
केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज यानी 3 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो रहे हैं. इस बार केदारनाथ धाम पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या साढ़े 15 लाख से ज्यादा हो चुकी है. इन दिनों प्रतिदिन 19 से 20 हजार के करीब श्रद्धालु केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.
भुकुंट भैरवनाथ के कपाट बंद
भैया दूज पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे. बाबा केदारनाथ के कपाट बंद होने से पहले भैरवनाथ के कपाट बंद करने की परंपरा है. मंगलवार (29 अक्टूबर) को दोपहर डेढ़ बजे भगवान केदारनाथ के द्वारपाल रक्षक भुकुंट भैरवनाथ के कपाट शीतकाल के लिए विधि-विधान से बंद कर दिए गए.
पदाधिकारियों ने किया हवन यज्ञ
केदारनाथ मंदिर के पुजारी शिवशंकर लिंग सहित बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारी, तीर्थ पुरोहित समाज और पंचपंडा समिति के पदाधिकारीगण, भैरवनाथ मंदिर पहुंचे. इसके बाद भुकुंट भैरवनाथ के जलाभिषेक के बाद पूजा-अर्चना कर भोग समर्पित कर हवन यज्ञ संपन्न किया गया.
इस खास मौके पर विश्व कल्याण और चारधाम यात्रा के निर्विघ्न समापन के लिए प्रार्थना की गई. इसके बाद दोपहर डेढ़ बजे भगवान भैरवनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. शीतकाल के बाद इशे दोबारा आम लोगों के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे.
'1 नवंबर को दीवाली का शुभ दिन'
केदारनाथ मंदिर के वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल ने बताया कि 1 नवंबर को बाबा केदारनाथ धाम में लक्ष्मी पूजन के साथ दीपावली का पर्व भी धूमधाम से मनाया जाएगा. उन्होंने सभी भक्तों को दीपावली की शुभकामनाएं दी और बताया की दीपावली मनाने का शुभ दिन 1 नवंबर है.
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