Jayant Chaudhary News: लोकसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय लोकदल से इस्तीफा देने के बाद भूपेंद्र चौधरी ने रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी का बचाव किया है. उन्होंने जयंत की तारीफ़ करते हुए कहा कि उनसे ज्यादा काम करने की स्वतंत्रता और कोई नहीं दे सकता है. मैंने भले ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया है लेकिन, मेरे पास उनके खिलाफ बोलने के कुछ नहीं है वो बहुत अच्छे इंसान हैं उन पर हमले न किए जाएं. 


धर्मेंद्र चौधरी रालोद मुखिया जयंत चौधरी के करीबी माने जाते थे. दस दिन पहले ही उन्होंने एनडीए के साथ जाने पर नाराजगी जताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद जयंत चौधरी के फैसले को लेकर सवाल उठने लगे थे. जिस पर अब धर्मेंद्र चौधरी ने सफाई दी. 


जयंत चौधरी पर हमले का किया बचाव
उन्होंने जयंत चौधरी पर किए जा रहे हमलों का बचाव करते हुए एक्स पर लिखा, 'उनसे ज्यादा काम करने की स्वतन्त्रता आपको कोई नहीं दे सकता और ना उनसे ज्यादा कोई अपने कार्यकर्ता को अपना परिवार मान सकता है. मैंने इस्तीफा जरुर दिया है लेकिन, सच में मेरे पास जयंत चौधरी जी के खिलाफ बोलने को कुछ नहीं है. एक बेहतरीन इंसान हैं वो, उनपर व्यक्तिगत हमलों से बाज आइए.'



भूपेंद्र चौधरी रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के करीबी नेताओं में शामिल थे. उन्होंने पार्टी में कई बड़े नेताओं को शामिल कराने में अहम भूमिका निभाई थी. लेकिन वो चुनाव से पहले रालोद के एनडीए में शामिल होने के फैसले से खुश नहीं थे. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने रालोद पर मुस्लिमों को धोखा देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मुस्लिमों की वजह से ही पार्टी में नई जान पड़ी थी. हमारे नौ विधायक जीतकर आए थे लेकिन फिर भी रालोद ने बीजेपी के साथ समझौता कर लिया.


भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में मुस्लिमों ने रालोद को वोट नहीं दिया है. बीजेपी के साथ जयंत चौधरी का भविष्य उज्जवल नहीं है. गठबंधन के बाद वो दबाव में हैं. अब वो किसानों और गरीबों की आवाज को भी मजबूती से नहीं उठा पाएंगे. उन्होंने कहा कि एनडीए से गठबंधन के बाद रालोद के ज्यादातर नेता नाराज हैं. लेकिन अभी कोई बोलने का तैयार नहीं है. उन्होंने दावा किया जल्द ही पार्टी के कई और नेता भी रालोद छोड़ सकते हैं. 


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