Lucknow News: उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) ने पद संभालते ही कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) के पद से इस्तीफा दे दिया. माना जा रहा है कि जल्दी ही संगठन से वे पदाधिकारी भी इस्तीफा दे सकते हैं जो मंत्रिमंडल में शामिल हैं और संगठन में इन इस्तीफे के बाद जो पद खाली होंगे वहां कुछ पूर्व मंत्रियों को जिम्मेदारी दी जा सकती है. उत्तर प्रदेश बीजेपी (BJP) का अध्यक्ष बनने के बाद भूपेंद्र चौधरी ने सबसे पहले मंत्री पद से इस्तीफा दिया. सरकार में वह पंचायती राज विभाग (Panchayati Raj Department) संभाल रहे थे, लेकिन जैसे ही उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाली वैसे ही मुख्यमंत्री से मिलकर उन्होंने तत्काल अपना इस्तीफा दे दिया. अब माना जा रहा है कि संगठन के वो पदाधिकारी जो योगी सरकार में मंत्री हैं वो भी बीजेपी के एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत जल्द इस्तीफा देंगे और फिर संगठन में नये लोगों को जगह दी जाएगी. इस बात की चर्चा सबसे ज्यादा है कि संगठन में खाली होने वाले पदों पर पूर्व मंत्रियों को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है.


20 सितंबर तक संगठन में हो सकते हैं बड़े बदलाव


योगी सरकार में मंत्री एके शर्मा संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष हैं, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह भी प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं जबकि सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर प्रदेश महामंत्री हैं और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेंद्र कश्यप बीजेपी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि 20 सितंबर तक संगठन में कुछ बदलाव हो सकते हैं जिनमें वर्तमान संगठन के पदाधिकारी जो योगी सरकार में मंत्री हैं वह अपने पद इस्तीफा संगठन से दे सकते हैं.  सबसे ज्यादा चर्चा इस बात को लेकर कि संगठन में जो पद खाली होंगे वहां पर कुछ पूर्व मंत्रियों को जगह दी जा सकती है.


उपेंद्र तिवारी, सुरेश राणा, जय प्रताप सिंह को दी जा सकती है बड़ी जिम्मेदारी


बलिया से आने वाले दयाशंकर सिंह के संगठन से इस्तीफा देने के बाद पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी को संगठन में जगह देने की चर्चा है, जबकि योगी वन में गन्ना विकास मंत्री रहे सुरेश राणा को जेपीएस राठौर के इस्तीफा देने के बाद जो जगह खाली होगी वहां नई जिम्मेदारी दी जा सकती है, क्योंकि सुरेश राणा पश्चिम से भी आते हैं. चर्चा है कि 20 सितंबर से पहले बीजेपी संगठन में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. वहीं एके शर्मा जो वर्तमान में दो-दो विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, संगठन से उनके इस्तीफे के बाद माना जा रहा है कि किसी पूर्व मंत्री को वह जिम्मेदारी दी जा सकती है. हालांकि चर्चा में तो कई नाम हैं लेकिन पूर्व मंत्री मोती सिंह का नाम इसमें सबसे आगे हैं.


दिल्ली दौरे के बाद भूपेंद्र चौधरी लेंगे अंतिम फैसला


वहीं ब्राह्मण चेहरे के तौर पर देखा जाए तो आनंद स्वरूप शुक्ला का भी नाम चर्चा में है. उन्हें भी संगठन में कोई न कोई जिम्मेदारी दी जा सकती है, जबकि चित्रकूट से आने वाले पूर्व मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को भी संगठन में जगह दी जा सकती है.  वहीं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह को भी संगठन की जिम्मेदारी देने की चर्चा है, जबकि नरेंद्र कश्यप की जगह किसी पिछड़े चेहरे को पार्टी पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष की कमान सौंप सकती है. हालांकि यह सारी चीजें प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी दिल्ली दौरे के बाद तय करेंगे.


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