वाराणसी, एबीपी गंगा। बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी एक बार फिर चर्चा में है। यूनिवर्सिटी में रविवार दोपहर को जोरदार हंगामा हुआ। कुछ दिन पहले छात्राओं ने एक प्रोफेसर पर बदसलूकी, छेड़छाड़ और शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था, जिसके बाद प्रोफेसर को लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया था।


प्रोफेसर के छुट्टी से लौटने के बाद छात्राओं का आक्रोश फूट पड़ा और वो विरोध में उतर आईं। मामले को लेकर छात्राएं धरने पर बैठ गई हैं। छात्राओं ने विश्वविद्यालय के सिंह द्वार को जाम कर बीएचयू प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। छात्राओं का कहना है कि जब तक आरोपी प्रोफेसर पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।





बीएचयू जंतु विज्ञान विभाग की छात्राओं ने अक्टूबर 2018 में बीएचयू प्रशासन से शिकायत कर विभाग के प्रोफेसर एसके चौबे पर शैक्षणिक टूर के दौरान छात्राओं से बदसलूकी, अश्लील हरकतें और शारीरिक शोषण जैसे आरोप लगाए थे। बीएचयू प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लेकर मामले की जांच कमेटी को सौंपी, इसके बाद 7 जून 2019 को कार्यकारिणी परिषद की बैठक हुई और आरोपी प्रोफेसर पर अधिकतम पेनाल्टी लगाने का फैसला किया गया।



छात्राओं का आरोप है कि बदसलूकी करने वाले आरोपी प्रोफेसर को बीएचयू प्रशासन ने सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया। दूसरी तरफ इस मामले में बीएचयू के रजिस्ट्रार का कहना है कि विश्वविद्यालय के कुलपति ने मामले का संज्ञान लिया था और आरोपी प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया था।


बाद में जांच समिति ने एक रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद विवि ने प्रोफेसर पर प्रतिबंध लगा दिया था। वह बीएचयू में न तो किसी पोस्ट पर काम कर सकते हैं और न ही किसी जिम्मेदारी को संभाल सकते हैं, इसके अलावा किसी दूसरे कॉलेज या विश्वविद्यालय में आवेदन भी नहीं कर सकते हैं।