फिरोजाबाद: कोरोना की दूसरी लहर जैसे ही चरम पर आई तो ऑक्सीजन की कमी होने लगी. इसी को लेकर ही सरकार ने कांच के तथा अन्य कारखानों में प्रयोग की जाने वाली ऑक्सीजन पर तत्काल रोक लगा दी थी और इस ऑक्सीजन को मेडिकल कॉलज में मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटल को सप्लाई किया गया. लेकिन एक सप्ताह पूर्व ही फिरोजाबाद जिले में मेडिकल कॉलेज में 1000 लीटर प्रति मिनट उत्पदान करने का मेडिकल ऑक्सीजन का प्लांट लगा दिया गया है. इस कारण से अब रोगियों के लिए ऑक्सीजन की कमी नहीं है, और अब कोरोना का संक्रमण भी कम हो गया है.


फैक्ट्रियों को मिलेगी ऑक्सीजन


इसी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि, अब शहर की कांच उत्पादन करने वाली फैक्ट्रियों को ऑक्सीजन उपलब्ध करा दी जाए. इसी के क्रम में ही कांच के कारखानों तथा ग्लास की एक्सपोर्ट इकाइयों को ऑक्सीजन गैस की किल्लत के कारण बीमार पड़ी इकाइयों में भी जान आ जाएगी. 


ऑक्सीजन का सिलेंडर हुआ महंगा


कांच की वस्तुओं के निर्यातकों का मानना है कि, सदर विधायक से हमने कई बार कहा था कि, अब जाकर गैस मिली है. पिछले एक माह से अधिक समय हो गया, कांच के कारखानों में काम बंद था. अब गैस मिलने से राहत जरूर मिली है, लेकिन पहले 300 रुपये का सिलेंडर मिलता था अब 800 रुपये का मिल रहा है, यह रेट सस्ता होना चाहिए.


फिरोजाबाद के जिला उद्योग के अधिकारी ने बताया कि, फिरोजाबाद में अब ऑक्सीजन भरपूर मात्रा में है इसलिए उद्योगों को ऑक्सीजन मुहैया करा दी गई है.


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