प्रयागराज, भाषा। स्वामी चिन्मयानंद मामले में लॉ की छात्रा को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने छात्रा को जमानत दे दी है। छात्रा पर बीजेपी नेता से पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगने का आरोप है। न्यायमूर्ति एस.डी. सिंह ने संबंधित पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद शाहजहांपुर की कानून की छात्रा की जमानत की अर्जी मंजूर कर ली। अदालत ने कहा कि इस मामले में पुलिस पहले ही जांच पूरी कर चुकी है और छात्रा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। अदालत ने आगे कहा कि किसी भी स्थिति में राज्य सरकार द्वारा कोई उचित आशंका नहीं जताई गई है कि यदि छात्रा को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह मुकदमे की सुनवाई में विलंब कर सकती है और इसलिए उसे आगे और हिरासत में रखने की कोई जरूरत नहीं है।


वहीं, सुनवाई के दौरान चिन्मयानंद के वकील ने लॉ छात्रा की जमानत की अर्जी का विरोध किया। उन्होंने तर्क दिया कि उसने जासूसी कैमरा छिपा रखा था जिसका उपयोग स्वामी चिन्मयानंद की वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए किया गया। वहीं दूसरी ओर, छात्रा के वकील ने दलील दी कि छात्रा यौन शोषण की शिकार है और उसके खिलाफ सभी आरोप मनगढंत हैं। वकील ने कहा कि चिन्मयानंद ने लंबे समय तक कानून की छात्रा का यौन शोषण किया।


गौरतलब है कि एसआईटी ने चिन्मयानंद की शिकायत पर लॉ की छात्रा और उसके तीन मित्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। चिन्मयानंद की शिकायत थी कि छात्रा और उसके मित्रों ने उनसे पांच करोड़ रुपये की मांग की थी और आपत्तिजनक वीडियो जारी करने की धमकी दी थी। यौन शोषण का आरोप लगने के करीब एक महीने बाद स्वामी चिन्मयानंद को 20 सितंबर को एसआईटी द्वारा गिरफ्तार किया गया था। एसआईटी ही शहजहांपुर में इस मामले की जांच कर रही है। चिन्मयानंद की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने छात्रा के तीन मित्रों को गिरफ्तार किया और बाद में फिरौती के मामले में उसे भी गिरफ्तार किया।