यूपी पुलिस में जीजा की जगह साला करता रहा नौकरी, घर पर ही ली ट्रेनिंग, ऐसे हुआ खुलासा
पुलिस ने असली भर्ती हुये आरक्षी अनिल कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, नक़ली अनिल कुमार उर्फ़ अनिल सोनी फ़रार हो गया है. फिलहाल अधिकारी जांच की बात कर रहे हैं.
मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के कोतवाली ठाकुरद्वारा इलाके में डायल 112 पर तैनात आरक्षी अनिल कुमार पर आरोप है कि उसने साजिश कर अपने ही साले अनिल सोनी को घर पर ही पुलिस की ट्रेनिंग देकर नौकरी पर भेजना शुरू कर दिया. किसी अज्ञात व्यक्ति ने इसकी सूचना पुलिस अधिकारी को दी जिसके बाद कराई गई गोपनीय जांच में पूरा ख़ुलासा हुआ. फ़िलहाल पुलिस ने असली भर्ती हुये आरक्षी अनिल कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, नक़ली अनिल कुमार उर्फ़ अनिल सोनी फ़रार हो गया है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खतौली के रहने वाले अनिल कुमार ने 2011 में बरेली से पुलिस भर्ती के दौरान आवेदन किया था. जहां वो ट्रेनिंग के दौरान फेल हो गया था. फ़िर अनिल कुमार ने 2012 में मेरठ में हुई पुलिस भर्ती में आवेदन किया, लेकिन वहां भी वो फ़ेल हो गया. 2012 नवंबर में तीसरी बार अनिल कुमार ने गोरखपुर में आवेदन किया, जहां उसका चयन आरक्षी के लिये हो गया. ट्रेनिंग पूरी कर अनिल कुमार को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाकर पहली बार बरेली जनपद में पोस्टिंग मिली. इसके बाद अनिल कुमार ड्यूटी करता रहा.
लेकिन जब अनिल कुमार का तबादला पुलिस नियम के मुताबिक बरेली रेंज से मुरादाबाद रेंज किया गया, तो बस यहां से ही साजिश का खेल शुरू हुआ. मुरादाबाद रेंज में तबादला होने के बाद शातिर पुलिसकर्मी अनिल कुमार ने अपने स्थान पर अपने सगे साले अनिल सोनी को मुरादाबाद बुलाया और बरेली से जारी अपने प्रस्थान आदेश की कॉपी लेकर मुरादाबाद के पुलिस अधिकारियों के सामने पेश किया. अनिल कुमार के स्थान पर अनिल सोनी की आमद को दर्ज कर लिया गया, लेकिन भर्ती करने वाले पुलिस अधिकारी ने फोटो का मिलान नहीं किया जिसके बाद अनिल कुमार के स्थान पर अनिल सोनी ड्यूटी करने लगा.
जांच की बात कर रहे हैं अधिकारी
शातिर अनिल कुमार ने ट्रेनिंग के दौरान जो पुलिस के तरीके थे, चाहे वो सरकारी हथियार चलाने के हों या अधिकारियों को सैल्यूट करने के, उन सबकी ट्रेनिंग अपने सगे साले अनिल सोनी को अपने ही घर पर दे दी. जब उसने उस ट्रेनिंग में महारत हासिल कर ली तो वह बेझिझक पुलिस की नौकरी करने लगा. ड्यूटी के दौरान अनिल सोनी को पुलिस लाइन से सरकारी असलहा भी जारी किया गया. जिसमे पिस्टल, कार्बाइन, एसएलआर तक दी गई.
इस दौरान गनीमत ये रही कि कभी किसी बदमाश से पुलिस की मुठभेड़ नहीं हुई. अगर मुठभेड़ हो जाती तो उस वक़्त ड्यूटी पर तैनात सरकारी हथियार चलाने में अनट्रेंड अनिल सोनी ख़ुद को या अपने साथ के किसी भी पुलिस कर्मी को घायल कर सकता था. फिलहाल मुरादाबाद के पुलिस अधिकारी इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता अनिल कुमार को हिरासत में लेने के बाद अब जांच की बात कर रहे हैं. अधिकारी यह भी दावा कर रहे हैं कि अगर विभाग के किसी अन्य पुलिसकर्मी ने भी अनिल कुमार का इस साजिश में साथ दिया है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
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