मकर संक्रांति पर हरिद्वार में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त, प्रशासन की अपील कोविड नियमों का पालन करें श्रद्धालु
इस साल का पहला बड़ा स्नान मकर संक्रांति का है. इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आएंगे. कोरोना महामारी को देखते हुये प्रशासन ने कोरोना को देखते हुये सभी प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है.
हरिद्वार: साल का पहला बड़ा गंगा स्नान 14 जनवरी को मकर सक्रांति का है. इस स्नान पर्व का काफी महत्व है, क्योंकि मकर संक्रान्ति के पर्व के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इसी के साथ ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण भी हो जाते हैं. मकर सक्रांति के स्नान को काफी खास माना जाता है इसलिए हरिद्वार में मकर सक्रांति पर मां गंगा में स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ती है. मकर संक्रान्ति के मौके पर देश भर से श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और गंगा में स्नान करके पुण्य की प्राप्ति करते हैं. ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रान्ति के दिन गंगा स्नान करने के बाद तिल और खिचड़ी के साथ वस्त्रों का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है, मगर इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने श्रद्धालुओं से भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है. साथ ही सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं.
सूर्य के उत्तरायण का महत्व
जनवरी में कड़ाके की सर्दी और गंगा का ठंडा जल इन सब के बावजूद आस्था और मन में श्रद्धा लेकर भक्त हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं. हरिद्वार में हर की पौड़ी पर तड़के से ही गंगा स्नान शुरू हो जाता है. ठंड के बाद भी मकर संक्रान्ति के मौके पर गंगा स्नान के लिए श्रद्दालु हर की पौड़ी पर पहुंचते हैं. ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पूरी का कहना है कि पुराणों में उत्तरायण पर्व को विशेष स्थान दिया गया है. भीष्म पितामह उत्तरायण पर्व के लिए तीर सैया पर लेटे रहे और कहा जाता है जिसकी मृत्यु उत्तरायण पर्व में होती है उनका जन पृथ्वी लोक पर नहीं होता. जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब उत्तरायण पर्व शुरू हो जाता है और 6 मार्च तक उत्तरायण पर्व रहता है.
दान का विशेष महत्व
इतना बड़ा पर्व होता है कि सुबह की दिशा और दशा दोनों बदल जाती है. इनका कहना है कि इस मौके पर गंगा में स्नान करना और किसी भी पवित्र नदी में स्नान करके तिल, खिचड़ी, वस्त्र का दान करने का विशेष महत्व है और इससे हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है. क्यों कि उत्तरायण का सूर्य सभी कष्टों का नाश करने वाला होता है. उत्तरायण पर्व सभी प्रदेशों में मनाया जाता है. कहीं मकर सक्रांति कहीं पर पोंगल और कहीं पर उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है. लेकिन इसका एक ही सार होता है कि अब सूर्य उत्तर दिशा की ओर आ गए हैं, क्योंकि यह दिशा देवताओं की प्राप्ति की होती है. इस दिन अगर अपने पितरों के निमित्त पिंडदान करते हैं तो उससे आपके पितृ तृप्त होते हैं.
पुलिस पूरी तरह मुस्तैद
साल के पहले बड़े स्नान पर्व को लेकर कुंभ मेला पुलिस भी पूरी सतर्क नजर आ रही है, क्योंकि कुंभ मेले को शुरू होने में अब कुछ ही समय शेष बचा है और उससे पहले इस स्नान के माध्यम से पुलिस द्वारा तैयारियां की जा रही हैं. कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि साल का सबसे बड़ा और पहला स्नान मकर सक्रांति पर हरिद्वार में आयोजित किया जा रहा है. हमारी श्रद्धालुओं से अपील है कि कोरोना महामारी को देखते हुए भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जाए. सुरक्षा को देखते हुए हमारे द्वारा 7 जोन, 20 सेक्टर बनाए गए हैं. साथ ही पांच पैरामिलिट्री कंपनी एनएसजी कमांडो डॉग सक्वाड की अलग से तैनाती की जाएगी. हमारे द्वारा कोरोना की गाइडलाइन का पालन कराया जाएगा.
आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि यातायात को देखते हुए हमारे द्वारा ज्यादा परिवर्तन नहीं किये गए हैं. भीड़ को देखते हुए परिवर्तन किया जाएगा. अभी हमारे द्वारा चमगादड़ टापू में पार्किंग की व्यवस्था की गई है और जब यह पार्किंग फुल हो जाएगी तो पावन धाम आश्रम के पास पार्किंग की व्यवस्था की गई है. जो भी देहरादून की तरफ से यात्री हरिद्वार आएंगे और अगर वह भी फुल हो जाती है तो धोबी घाट पार्किंग और बैरागी घाटपर पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है. ये भी पढ़ें. पूर्वांचल में बड़ी सेंध लगाने की तैयारी में हैं ओवैसी और राजभर की जोड़ी, दिलचस्प होंगे सियासी समीकरण