Aligarh Drug Department Action: अलीगढ़ (Aligarh) में ड्रग विभाग की टीम ने दवाइयों के अवैध काले कारोबार पर बड़ा छापा मारा है. अलीगढ़ सहित आसपास के अन्य जनपदों के ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम के साथ ज्वाइंट कमिश्नर पूरन चंद ने फफाला क्षेत्र में एक गोदाम पर छापा मारा जहां करीब 4 करोड रुपये के आसपास की दवाइयां बरामद हुई. टीम को वहां इन दवाइयों के खरीद-फरोख्त से संबंधित या कोई भी लाइसेंस मौके पर नहीं मिला. ड्रग विभाग की टीम दवाइयों के सैंपल एकत्र कर जांच के लिए भेज रही है और सारी की सारी दवाइयों को सील कर रही है. मामला थाना देहली गेट क्षेत्र के फफाला का है. फफाला में अलीगढ़ सहित आसपास के क्षेत्रों में सबसे बड़ा दवा का कारोबार होता है.
4 करोड़ रुपये की अवैध दवाइयां जब्त
ड्रग विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर पूरन चंद ने बताया कि फ़फाला में हमें कुछ समय से सूचना प्राप्त हो रही थी कि मुकेश कुमार नामक एक व्यक्ति जो कि प्राइड फार्मा का संचालक है. उसके द्वारा भारी मात्रा में अवैध दवाओं को कहीं गुप्त जगह पर रखकर व्यापार किया जा रहा है. इसकी हमने सूचना एकत्र की और सूचना मिली की फफाला में मानक फार्मा के पास बालाजी कंपलेक्स के पास नीरज कुमार की एक मार्केट है. उसके पहले फ्लोर भारी मात्रा में दवाओं का व्यापार हो रहा है. इसी पर हमने लखनऊ सूचना दी, जिला प्रशासन को सूचना दी और अन्य जनपद के ड्रग इंस्पेक्टर कासगंज, हाथरस इनको भी साथ में लिया और हमने पाया कि लगभग यहां पर छह कमरे में लगभग 600 प्रकार की दवाइयां यहां पर भंडारित हैं.
इसकी अनुमानित कीमत करीब तीन से चार करोड़ रूपये हैं. 15 दवाइयों के सैंपल लिए हैं जिनको गवर्नमेंट लैब जांच के लिए भेजा जा रहा है. प्राथमिकता के आधार पर जांच कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि मुकेश कुमार द्वारा ना तो कोई लाइसेंस दिखाया गया है और ना ही इन 600 दवाओं का कोई खरीद-फरोख्त का बिल दिखा मिला है. इसमें कार्यवाही प्रारंभ है. आगे की कार्रवाई किस तरह से होगी इसे लेकर मुख्यालय से संपर्क किया जा रहा है.
ड्रग विभाग को मिली बड़ी कामयाबी
अलीगढ़ ड्रग इंस्पेक्टर हेमेंद्र कुमार ने बताया कि मुकेश कुमार नाम के व्यक्ति ने प्राइड फार्मा के नाम से लाइसेंस था. उसके बगल में उसने गोदाम खोल लिया था. यह हमारी जानकारी में नहीं था. जैसे ही हमको आसार लगे हमने उनकी दुकानों पर छापेमारी की और उसमें भारी मात्रा में दवाइयां मिली हैं. जिसका रेट लगाने पर पता चल रहा है कि यह करीब 4 करोड़ रुपये की कीमत से ज्यादा की दवाइयां हैं. वहीं मकान मालिक से बात हुई है लेकिन उसने कोई भी किराया नामा प्रस्तुत नहीं किया है. जिसके बाद उससे कहा गया है कि कुछ ऐसा प्रस्तुत करो कि हम समझ पाए कि आप मकान के मालिक हैं नहीं तो बिल्डिंग को भी सील किया जाएगा.
यह भी पढ़ें:
UP Politics: 'मऊ के राजभरों को किसी ठग की जरूरत नहीं', ओम प्रकाश राजभर के बयान पर सपा ने किया पलटवार