Bihar Caste Survey Report: बिहार सरकार ने जातिगत गणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं. इसे लेकर देश के अलग-अलग नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. सपा सांसद बर्क ने बिहार सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि इस समय इन आंकड़ों की क्या जरूरत थी? वे अगले साल चुनाव को देखते हुए ये गतिविधियां कर रहे हैं.
दरअसल, बिहार में 2024 में लोकसभा और 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं. वर्तमान में बिहार में जेडीयू और राजद के गठबंधन से सरकार चल रही है. नेताओं के बयान के अनुसार बिहार चुनाव के लिए रणनीति बनाई जा रही है. हालांकि कई नेताओं का यह भी कहना है कि अभी इसकी कोई खास जरूरत नहीं थी.
क्या कहा है सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने
सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा, "बिहार में अभी इसकी क्या जरूरत थी, उन्हें तो 2024 की लोकसभा इलेक्शन दिखाई दे रही है, उसी इलेक्शन की वजह से यह लोग सारे धंधे कर रहे हैं, जो कि इससे काम चलेगा नहीं." उन्होंने कहा कि मुल्क को खिदमत चाहिए, मुल्क को विकास चाहिए, मुल्क को तालीम चाहिए, मुल्क में अच्छा निजाम चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इतने दिनों में आपने राज्य के लिए क्या किया.
बिहार सरकार के जातिगत गणना की रिपोर्ट के अनुसार राज्य की आबादी 13 करोड़ से अधिक है. जिसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) 36.01 प्रतिशत है जो सबसे अधिक है. इसके अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) 27 प्रतिशत और अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजातियां 1.68 प्रतिशत हैं. वहीं राज्य में ऊंची जातियों की 15.52 प्रतिशत जनसंख्या है और पिछड़े वर्गों में यादवों की आबादी 14.26 प्रतिशत, कुशवाह और कुर्मी क्रमशः 4.27 और 2.87 प्रतिशत हैं.
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