Caste Survey: हाल ही में बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत काफी गर्म हो गई है. लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में जाति आधारित गणना को लेकर कई विपत्री पार्टियां लगातार बीजेपी को घेरती नजर आई हैं. इस बीच केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने जाति आधारित गणना के मुद्दे पर बिहार सरकार को घेरने का काम किया है.
दरअसल केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने बिहार में हुए जाति आधारित गणना को उपजाती आधारित गणना करार दिया है. इसके साथ ही उन्होंने बिहार सरकार और इंडिया गठबंधन पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि उपजाती आधारित गणना कराकर बिहार सरकार देश के लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है. वहीं उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी गरीब समुदाय के साथ डटकर खड़े हैं.
जनगणना के साथ ही होती है जाति और धर्म की गणना
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा 'ये लोग पूरे देश को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं. जब भी जनगणना होती है, उस समय जाति और धर्म की भी गणना होती. यह लोग बात का बतंगण बना रहे हैं. उसी जनगणना के मुताबिक एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण दिया गया है. इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने अपर कास्ट के वंचित तबके को भी 10 परसेंट का आरक्षण देने का काम किया है.'
देश को गुमराह कर रहा विपक्ष
उन्होंने आगे कहा कि 'बिहार में जिसे जाति आधारित गणना कह रहे हैं. वह जाति की उपजाति गणना की गई है. यह सब उपजाती की गणना कर रहे हैं और जाति आधारित गणना की बात कर रहे हैं. भारतीय संविधान में जाति आधारित गणना के ही आधार पर लोगों को आरक्षण देने का काम किया गया है. चाहे एससी-एसटी हो, चाहो ओबीसी हो और चाहे अपर कास्ट के 10 परसेंट गरीब तबके के लोगों को निर्धारित किया गया है. यह देश के लोगों को गुमराह कर रहे हैं. आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हम गरीब समुदाय के साथ हैं.'