UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश में निषाद बाहुल्य सीटों पर सभी सियासी दलों की नजर लगी हुई है और इन वोटों को साधने में अब बिहार की वीआईपी पार्टी भी पीछे नहीं है. बिहार सरकार के मंत्री मुकेश साहनी का साफ तौर पर कहना है कि निषाद समाज चाह रहा है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी का खेल बिगाड़ा जाए क्योंकि 17 दिसंबर को जो रैली लखनऊ में हुई उसमें आरक्षण की घोषणा नहीं हुई और इससे निषाद समाज नाराज है.


आरक्षण नहीं तो वोट नहीं
मुकेश सहनी का साफ तौर पर कहना है कि अगर आरक्षण नहीं तो इस बार निषाद वोट भी बीजेपी को नहीं देगा. बिहार सरकार में भले ही मुकेश सहनी की पार्टी एनडीए का घटक दल हो और वे मंत्री हों, लेकिन वे लगातार उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी को मजबूत करने में जुटे हैं, इसलिए वे लगातार यूपी का दौरा कर रहे हैं. आज मुकेश सहनी ने उन 165 सीटों के विधानसभा प्रभारियों को लखनऊ से रवाना किया जहां निषाद समुदाय का वोट अच्छी खासी संख्या में है.


अकेले चुनाव लड़ेंगे-मुकेश साहनी
इस मौके पर मुकेश साहनी ने साफ तौर पर कहा कि मैं दोस्त होने के नाते बीजेपी को सही सलाह दे रहा हूं. अगर समय रहते बीजेपी की केंद्र सरकार ने आरक्षण को लागू कर दिया तो वह उत्तर प्रदेश में चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम केंद्र सरकार से नाराज हैं. उन्होंने निषाद पार्टी के अध्यक्ष और एमएलसी संजय निषाद पर भी निशाना साधा. मुकेश सहनी ने साफ तौर पर कहा कि संजय निषाद पार्टी नहीं बल्कि परिवार चला रहे हैं.


मुकेश ने कहा कि बीजेपी को निषादों की फिक्र करनी चाहिए वरना निषाद बीजेपी को उत्तर प्रदेश में डुबो देगा. मुकेश सहनी ने साफ तौर पर कहा कि उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी 165 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. वे किसी के साथ कोई भी गठबंधन नहीं करेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर बिहार में भी जल्द ही आरक्षण लागू नहीं हुआ तो वहां भी सरकार के सामने संकट खड़ा कर सकते हैं.


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