लखनऊ, एबीपी गंगा। चारबाग रेलवे स्टेशन पर ठेकेदार पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर जानलेवा हमले करने के मामले में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है। ये दोनों महिलाएं ठेकेदार की सुपारी किलिंग की साजिश में शामिल हैं। जीआरपी की टीम ने कोलकाता से दोनों महिलाओं को गिरफ्तार किया। इस बीच ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख ठाकुर को गोली मारने वाला इंजीनियरिंग का छात्र अभी तक फरार चल रहा है। जानकारी के मुताबिक, बिहार के बेतिया के रहने वाले इंजीनियरिंग के छात्र ने वीरेंद्र ठाकुर ने भी ठेकेदार को गोली मारी थी।


बिहार की ठेकेदारी से जुड़े हमले के तार


वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख ठाकुर पर जानलेवा हमले के तार बिहार की ठेकेदारी की लड़ाई से जुड़े बताए जा रहे हैं। इस बीच ये बात भी सामने आई है कि बीते मंगलवार राजधानी लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन के पास दिनदहाड़े जिस ठेकेदार पर अज्ञात बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर जान लेने की कोशिश की थी, वह घायल ठेकेदार बिहार पुलिस का मोस्ट वांटेड अपराधी है। घायल शख्स बिहार पुलिस से बचने के लिए झूठे नाम से लखनऊ में रह रहा था और हमले की वजह भी बिहार में करोड़ों के ठेके की बताई जा रही है।


दो जुलाई को चारबाग स्टेशन पर हुआ था जानलेवा हमला 


आज से ठीक 7 दिन पहले यानी बीते मंगलवार 2 जुलाई को लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन के पास बाइक सवार बदमाशों ने एक शख्स पर ताबड़तोड़ तीन राउंड फायरिंग कर जान लेने की कोशिश की। घायल शख्स को आनन-फानन में ट्रामा सेंटर ले जाया गया। जांच की गई तो पता चला घायल शख्स का नाम वीरेंद्र ठाकुर है, जो कैंट के नीलमथा इलाके में रहकर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है। शुरुआती जांच में प्रत्यक्षदर्शियों ने जीआरपी को जानकारी दी कि घटना को उस वक्त अंजाम दिया गया जब वीरेंद्र ठाकुर चारबाग मेट्रो स्टेशन के पास उतरीं दो महिलाओं से बातचीत कर रहा था। तभी बाइक से आए बदमाशों ने उस पर गोली चला दी।



बिहार पुलिस का मोस्ट वांटेड अपराधी है गोरख ठाकुर


मामला रेलवे स्टेशन का था, लिहाजा हमले की जांच जीआरपी को दी गई। जीआरपी ने जांच शुरू की, तो पता चला घायल वीरेंद्र ठाकुर बिहार पुलिस का मोस्ट वांटेड अपराधी गोरख ठाकुर है। जिस पर हत्या के प्रयास से लेकर विस्फोटक अधिनियम समेत तमाम धाराओं में दो दर्जन से अधिक मुकदमे हैं और बीते पांच सालों से बिहार की बेतिया पुलिस को इसकी तलाश है।


लखनऊ से इंजीनियरिंग कर रहे बेतिया के छात्र को दी थी सुपारी


गोरख ठाकुर बिहार में चा साल की सजा काटकर लखनऊ भाग आया था और वीरेंद्र ठाकुर बनकर लखनऊ से बिहार में अपने कारोबार को चला रहा था। बताया जा रहा है कि वीरेंद्र ठाकुर पर हमले के तार भी उसी करोड़ों के ठेके से जुड़े हैं। बिहार के बेतिया में नगर निगम का डेढ़ करोड़ का एक ठेका वीरेंद्र ठाकुर के पास है। वीरेंद्र ठाकुर को रास्ते से हटाने के लिए ही उसके दुश्मनों ने लखनऊ से इंजीनियरिंग कर रहे बेतिया के एक छात्र को उसकी सुपारी दी थी। वीरेंद्र ठाकुर को फंसाने के लिए हनी ट्रैप बिछाया गया। दो लड़कियों के जरिए झूठे प्रेम जाल में फंसाकर वीरेंद्र ठाकुर को चारबाग स्टेशन बुलवाया गया और वहीं, हमलावरों ने उस पर गोलियां बरसा दी।


हनी ट्रैप कर हमले को दिया अंजाम


घटना के वक्त प्रत्यक्षदर्शियों के द्वारा बताई गई दो लड़कियों की मौजूदगी इसी हनी ट्रैप का हिस्सा थीं। फिलहाल, रेलवे पुलिस ने वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख ठाकुर पर हुए इस हमले की कहानी को तो उजागर कर दिया है, लेकिन वारदात को अंजाम देने वाले और शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी है।