Bijnor News: पहाड़ों पर हो रही बेतहाशा बारिश के बाद गंगा अपने उफान पर चल रही है. ऐसे में करोड़ों रुपए की लागत से बना नवनिर्मित राज्य सेतु निगम की अप्रोच रोड गंगा के तेज बहाव में धंस गई जिसकी वजह से मेरठ हस्तिनापुर बिजनौर से जोड़ने वाला पुल का आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया. इस पूरे मामले में बुज़ुर्ग कालू टिकैत कई मांगों को लेकर 100 घण्टे के लिए पुल के नज़दीक अनशन के लिए बैठ गए है.


क्या है पूरा मामला?
मेरठ-हस्तिनापुर बिजनौर से जोड़ने वाला पुल जिसे साल 2020 में उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड के द्वारा तैयार किया गया था, 30 जुलाई की सुबह 11 बजे के आसपास गंगा के तेज़ बहाव में पुल की अप्प्रोच रोड धसने से आवागमन पूरी तरह से बन्द कर दिया गया है. वहीं इलाके के लोगो का साफ तौर से कहना है की पुल बनाने वाले अफसरों ने पुल निर्माड के दौरान घटिया सामग्री लगाई है, जिसकी वजह से दो साल बाद ही पुल की अप्प्रोच पानी में बह गयी. पुल की अप्प्रोच के तबाह होने के बाद 50 से ज़्यदा गांव प्रभावित हुए है.


साथ ही जंगल से पशुओ के लिए चारा खाद्य सामग्री गांव में पहुंचने में काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है. गंगा के तेज़ बहाव में पचास मीटर अप्रोच रोड गंगा में समां गयी है, पुल के इर्द गिर्द किसानों की गन्ने के खेती में चार चार फ़ीट पानी बह रहा है. वहीं इलाके के लोगों का कहना है कि गंगा पुल के पास बांध बनना चाहिए. साथ ही घटिया सामग्री लगाने वाले भ्रष्ट अफसरों को बर्खास्त किया जाए.


कई मांगो को लेकर 100 घंटे की अनशन पर बैठे ग्रामीण
100 घंटे के अनशन पर बैठने वाले ग्रामीण रविन्द्र टिकैत उर्फ कालू टिकैत का कहना है कि जिस रोज ये हादसा हुआ था उससे 10 मिनट पहले यहां से दिल्ली की बस गुजरी थी, उसके तुरंत बाद ये ढह गया.आज तक इस पर कोई गौर नहीं किया गया है. सब भ्रष्टाचार से जुड़े हुए हैं, निर्माण कार्य में 2 नंबर की सामग्री लगी हुई है. हमने ठेकेदार से कहा कि इसका क्या होगा उन्होंने कहा कि हमने तो बीमा करवा रखा है जो होगा होता रहेगा. करीब 50 गांव के लोगों का यहां से आना जाना है, हमारे यहां हर साल बाढ़ आ जाती है, इसका समाधान कुछ होना चाहिए.


हर साल बाढ़ की वजह से हमारी फसल खराब हो जाती है. भू-माफियाओं ने यहां पर हजारों बीघा जमीन घेर रखी है, कोई सुनने को तैयार नहीं है. हमने 100 घंटे का अनशन किया है, तुरन्त इसका निर्माण कराया जाए, जो वन विभाग की जमीन लोगों ने घेर रखी है इससे अवैध कब्जों को हटाया जाए, यहां गौशाला बनाई जाए और पशुओं का चारा बोया जाए. इन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाए.


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