Bijnor News: पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के बाद गंगा का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है, जिसकी वजह से गंगा किनारे कटान की वजह से हजारों बीघा लहलहाती फसलें गंगा में समा गई है. साथ ही गंगा किनारे लाखों रुपए की लागत से बना सरकारी प्राथमिक स्कूल भी गंगा की जद में आ गया है. गंगा किनारे अस्थाई स्टैंडस लगाने और लाख कोशिशों के बावजूद भी प्रशासन गंगा के तेज बहाव के आगे कुछ भी कर पाने के लिए बेबस और मजबूर नज़र आ रहा है.
हज़ारो बीघा लहलहाती फसलें हुई बर्बाद
बिजनौर से सटे मण्डावर में गंगा किनारे बसा गांव फतेहपुर जिसकी आबादी करीब चार हजार है. यहां बरसात के मौसम में गंगा के बढ़ते जलस्तर के बाद तेज़ी से कटान होता है, ऐसे में गंगा किनारे खेती करते किसानों की अब तक हज़ारो बीघा लहलहाती फसलें गंगा के कटान की वजह से चौपट हो गई है. वहीं ग्रामीणों का साफ तौर से कहना है कि गंगा में बर्बाद 62 किसानों की हज़ारो बीघा फसल गंगा के कटान में चली गई, लेकिन प्रशासन ने इन्हें आज तक मुआवजा नही दिया. जिसकी वजह से किसान और ग्रामीण बेहद खफा है. इसी गांव में लाखों रुपए की लागत से बना सरकारी प्राथमिक स्कूल भी गंगा की भेंट चढ़ने की कगार पर है.
बच्चों को दूसरे स्कूल में किया गया शिफ्ट
बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को दूसरे स्कूल में शिफ्ट कर दिया है. इधर बिजनौर के मध्य गंगा बैराज घाट पर 219 मीटर पानी चल रहा है जो फिलहाल अभी खतरे से बाहर हैं. दूसरी तरफ यूपी उत्तराखंड के बॉर्डर पर बिजनौर की कोटावाली नदी के रपटे पर कई कई फ़ीट पानी चल रहा है. पुलिस प्रशासन ने भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा रखी है. इसी के साथ हरिद्वार से नजीबाबाद आ रही रपटों से कार पानी मे बह गई, जिसके बाद मुश्किल से राहगीरों ने कार में बैठे शख्स की जान बचाई.
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