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बिजनौर: कृषि कानूनों के विरोध में किसान ने गेहूं की फसल को ट्रैक्टर से जोता, कहा- काला कानून वापस ले सरकार
यूपी के बिजनौर में किसान का कहना है कि कृषि कानूनों के विरोध में उसने अपनी गेहूं की फसल को जोता है. किसान इस सरकार से परेशान हैं. सरकार अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही है.
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बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में कृषि कानूनों के विरोध में अलग-अलग जगहों पर किसान लगातार अपनी फसलों को जोतकर विरोध दर्ज करा रहे हैं. कृषि कानूनों के विरोध में एक किसान ने फिर से 4 बीघे में खड़ी गेहूं की फसल को जोतकर विरोध जताया है. किसान का कहना है कि कृषि कानूनों के विरोध में उसने अपनी गेहूं की फसल को जोता है. किसान इस सरकार से परेशान हैं. सरकार अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही है. जब तक ये काला कानून वापस नहीं होगा तब तक किसान अपनी फसल को नष्ट करता रहेगा.
फसल को ट्रैक्टर से जोत डाला चांदपुर थाना क्षेत्र के गांव माहू के रहने वाले किसान सुनील कुमार ने अपनी 4 बीघा गेहूं की फसल को ट्रैक्टर से जोत डाला है. किसान लगातार कृषि कानूनों के विरोध में अपनी फसलों को ट्रैक्टर से जोतकर उन्हें नष्ट कर रहे हैं. जहां किसान को फसल जोतने से नुकसान हो रहा है तो वहीं किसानों का साफ तौर से कहना है कि जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा तब तक हम इस कानून के विरोध में अपनी खड़ी फसलों को ट्रैक्टर से जोतते रहेंगे.
किसान परेशान हैं किसान सुनील कुमार ने बताया कि सरकार की तरफ से गेहूं की खरीद के लिए जहां एमएसपी 1925 रुपए है. तो वहीं किसानों को मजबूरी में 1100 रुपए में अपना गेहूं अन्य जगह पर बेचना पड़ता है. ना तो केंद्र सरकार की तरफ से गन्ने का पेमेंट बढ़ाया जा रहा है. ना ही एमएसपी मूल्य का निर्धारण किया जा रहा है. इसको लेकर किसान परेशान हैं. जब तक एमएसपी को लागू नहीं किया जाएगा, तब तक किसान अब अपनी खेती को नष्ट करके विरोध करता रहेगा.
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