ग्रेटर नोएडा/लखनऊ, एबीपी गंगा। ग्रेटर नोएडा में पैदा हुआ बाइक बोट घोटाला लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों में तक फैला हुआ है। लखनऊ में बाइक बोट घोटाले की पहली एफआईआर दर्ज हुई है। बाइक बोट घोटाले के नाम पर दर्ज हुई इस पहली एफआईआर के बाद मास्टरमाइंड संजय भाटी के साथ लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी में बाइक बोर्ड स्कीम चलाने वाले अमित अग्रवाल पर शिकंजा कसना शुरू हुआ है।
घोटाले की जड़ें नोएडा तक सीमित नहीं
ग्रेटर नोएडा में जिस बाइक बोट फ्रॉड ने जालसाजी और ठगी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे, उस घोटाले की जड़ें सिर्फ ग्रेटर नोएडा तक ही नहीं सीमित थीं। गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर लिमिटेड के एमडी और बाइक बोट फ्रॉड के मास्टरमाइंड संजय भाटी ने 100 करोड़ से ऊपर के घोटाले में ग्रेटर नोएडा के साथ-साथ लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर के लोगों को भी अपना शिकार बनाया था।
लखनऊ में घोटाले की पहली FIR दर्ज
₹62100 लगाकर एक बाइक खरीदिए और एक साल तक ₹9700 प्रतिमाह कमाइए। बाइक बोट की इस स्कीम में ही फंसकर हजारों लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई लगा दी और संजय भाटी ने करोड़ों रुपए का घोटाला कर डाला। अब राजधानी लखनऊ में बाइक बोट घोटाले की पहली एफआईआर दर्ज हुई है। राजधानी के अलीगंज थाने में दर्ज कराई गई।
राजेश कुमार जायसवाल ने दर्ज कराई FIR
इस एफआईआर में मास्टरमाइंड संजय भाटी के साथ बाइक बोट स्कीम की फ्रेंचाइजी लेकर लोगों से पैसा इकट्ठा करने वाले अमित अग्रवाल को भी नामजद किया गया है। एफआईआर दर्ज कराने वाले राजेश कुमार जायसवाल ने आरोप लगाया है कि बाइक बोट स्कीम के नाम पर अमित अग्रवाल के जरिए 15 लाख 52 हजार की रकम संजय भाटी के खाते में जमा कराई गई। स्क्रीम के हिसाब से राजेश को न तो मुनाफे की मासिक रकम मिलना शुरू हुई और न ही अब मूलधन मिल पा रहा है। अमित अग्रवाल ने राजेश जायसवाल को 6 लाख का चेक दिया, जो बाउंस हो गया। अब पीड़ित ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर लिमिटेड के मालिक और जेल में बंद संजय भाटी के साथ अमित अग्रवाल पर एफआईआर दर्ज कराई है।
आईपीएस अमित कुमार का बयान
मामले में अमित कुमार (एसपी ट्रांस गोमती) ने बताया, 'पीड़ित राजेश जयसवाल की मानें तो कैंट निवासी अमित अग्रवाल के घर पर आज भी डेढ़ सौ से अधिक बाइक बोट की बाइक धूल फांक रही हैं। संजय भाटी के जेल जाने के बाद अमित अग्रवाल भी ठगी से जुटाई करोड़ों की रकम को हड़पने की फिराक में है। हालांकि पुलिस इस मामले में नामजद किए गए अमित अग्रवाल पर जल्द शिकंजा कसने की तैयारी में भी जुट गई है।'
क्या थी बाइक बोट फ्रॉड की स्कीम
- कंपनी 62 हजार 100 रुपये प्रति बाइक के हिसाब से निवेश कराती थी।
- आमदनी से 9,765 रुपये प्रतिमाह एक साल तक निवेशकों को देने की बात कहती थी।
- निवेश करवाने पर एजेंटों को 2250 रुपये प्रति बाइक देने का लालच दिया गया।
- दावा किया जा रहा है कि इस घोटाले की चपेट में सात राज्यों के करीब सवा दो लाख आए हैं, जिन्हें करीब 14 अरब रुपये से भी अधिक की चपत लग चुकी है।