(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
गोरखपुर में कोरोना के बाद बर्ड फ्लू की आशंका, संकट में पोल्ट्री कारोबार
यूपी में कोरोना के बाद बर्ड फ्लू की आशंका के बीच हड़कंप मचा हुआ है. पोल्ट्री उद्योग से जुड़े लोगों के माथे पर एक बार फिर पसीना आने लगा है.
गोरखपुर: वैश्विक महामारी कोरोना के बाद देश में बर्ड फ्लू की दस्तक से कई राज्यों में हड़कंप मचा हुआ है. बर्ड फ्लू की आशंका के बीच शासन ने पूरे उत्तर प्रदेश में अलर्ट घोषित कर दिया है. शासन ने हर जिले में पत्र भेजकर जिला प्रशासन को अलर्ट घोषित किया है. कोरोना काल में संकट के दौर से गुजरे पोल्ट्री उद्योग पर एक बार फिर मंदी की मार का संकट गहराने लगा है. बर्ड फ्लू की देश में दस्तक के बीच अब लोगों को इसका डर सताने लगा है. इसका सीधा असर पोल्टी उद्योग से जुड़े व्यापार पर पड़ रहा है. बर्ड फ्लू की वजह से दाम में कोई फर्क नहीं आया है लेकिन फुटकर दुकानों पर बिक्री पर जरूर इसका असर पड़ा है.
यूपी में कोरोना के बाद बर्ड फ्लू की आशंका के बीच हड़कंप मचा हुआ है. पोल्ट्री उद्योग से जुड़े लोगों के माथे पर एक बार फिर पसीना आने लगा है. बर्ड फ्लू की आशंका के बीच जहां बाजार पर इसका असर दिख रहा है तो वहीं फुटकर दुकानदार भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि डर की वजह से एक-दो दिन से मुर्गे की बिक्री पर असर साफ दिखाई दे रहा है. गोरखपुर के शास्त्री चौक पर स्थित मुर्गें के फुटकर दुकानदार सेवाराम बताते हैं कि लोगों के अंदर डर की वजह से बिक्री पर भी असर पड़ा है. वे कहते हैं कि दाम पर इसका कोई असर तो नहीं पड़ा है लेकिन सुन रहे हैं कि प्रतिकिलो 180 से अब दाम 160 होने वाला है. उन्होंने बताया कि पहले एक से डेढ़ क्विंटल बेचते थे अब 8 से 10 मुर्गा बेचने में परेशानी हो रही है.
लोगों को है डर
व्यापारी अफरोज बताते हैं कि 90 से 95 प्रतिशत असर पड़ा है. न्यूज और मोबाइल पर देखकर लोग दुकान पर मुर्गा खरीदने नहीं आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि पहले 50 से 60 किलो बेच लेते थे. अब चार-पांच मुर्गा बेचना मुश्किल हो गया है. उन्होंने बताया कि पब्लिक को डर लग रहा है. दाम पर कोई असर नहीं पड़ा है. वे लोगों से अपील करते हैं कि अभी यहां पर बीमारी नहीं है. इसलिए लोग घबराएं नहीं. उनका कहना है कि वे लोग अपने यहां साफ-सफाई रखते हैं.
गोरखपुर के मुख्य पशु चिकित्साधिरी डॉ. देवेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि बर्ड फ्लू से बचाव और रोकथाम के लिए पशु चिकित्साधिकारी के साथ ही पशुपालन विभाग के कर्मियों को लेकर टीम गठित की गई है. उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि जहां पर भी पोल्ट्री फार्म और अप्रवासी पक्षी के मौत की कोई सूचना मिलती है तो उन्हें सूचना दें. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि मुर्गा और अंडे को अच्छी तरह से उबाल कर खाएं. किसी तरह की अफवाह नहीं फैलाएं. जरूरी नहीं हो तो, पोल्ट्री फार्म की तरफ न जाएं. उनका कहना है कि संक्रामक रोग किसी को भी किसी समय हो सकता है.
सावधानी जरूरी
उन्होंने कहा कि ये इंफेक्शन हवा से या पक्षी से आम आदमी में हो सकता है. इसलिए सावधानी रखना बहुत आवश्यक है. घर में चिड़िया या मुर्गियां पालने वाले लोग साफ-सफाई के साथ दवा का छिड़काव करें. उनका कहना है कि ऐसे बाड़े के पास बच्चों को जाने नहीं दें. उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू इंफ्लूएंजा की बीमारी है. इसके लक्षण में सांस से संबंधित बीमारी हो जाती है. नाक से पानी आना और सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है.
बता दें कि बर्ड फ्लू के खतरे के बीच 500 करोड़ रुपये के पोल्ट्री कारोबार पर खतरा मंडराने लगा है. गोरखपुर मंडल के चार जिलों में पोल्ट्री उद्योग में कारोबारियों ने 500 करोड़ रुपये का निवेश किया है. गोरखपुर मंडल में 1200 से अधिक लेयर फार्म हैं. जिसमें सर्वाधिक लेयर फार्म देवरिया जिले में हैं. जहां लगभग 400 लेयर फार्म से हजारों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है. ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो सकता है.
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