देहरादूनः उत्तराखंड में अब कोरोना के बाद बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. हाल ही में पौड़ी जिले में बर्ड फ्लू ने अपनी दस्तक दे दी है. जिससे यहां जिला प्रशासन सकते में है. यहां कोटद्वार क्षेत्र में कुछ दिन पूर्व ही दो मृत कौओं में ऐवियन ईन्फ्लूयेंजा का पुष्टि हुई है, जिसने प्रशासन की नींद उडा दी है. इन मामलों के सामने आने से प्रशासन हैरत में है.
पौड़ी जिले में बर्ड फ्लू की दस्तक
बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद ऐतियात के तौर पर अब जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह गब्र्याल ने बर्ड फ्लू की रोकथाम को लेकर पूरे जिले में ही प्रशासन की टीम का गठन कर लिया है. जो कि अब चप्पे-चप्पे पर अपनी पैनी नजरें रख कर बर्ड फ्लू की घटनाओं पर निगाहें रखेगी. जिलाधिकारी ने पशुपालन विभाग और वन विभाग को भी निर्देशित किया है कि वे अभी से बर्ड फ्लू से बचने के लिये प्रभावी कदम उठायें और किसी भी मामले के प्रकाश में आने पर इसकी सूचना उन तक पहुंचाएं.
जिलाधिकार ने दिए निर्देश
वहीं अब तक पक्षियों में पाया गया बर्ड फ्लू इंसान के शरीर में प्रवेश न कर पाये इसके लिये जिलाधिकारी ने बाहरी जनपद और शहरों से चिकन शॉप तक पहुंचने वाले मुर्गों की एंट्री और इनके अंडों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं कोटद्वार के जिस क्षेत्र में मृत कौआ मिले थे, उस क्षेत्र के 10 किलोमीटर की परधि में पोल्ट्री और अंडों की दुकान बंद रखने के भी निर्देश जारी कर दिये गये हैं.
इंसानों तक नहीं पहुंचा फ्लू
पौड़ी के जिलाधिकारी ने आदेश जारी करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को पहले से ही सावधान कर दिया है, जिससे के इस कोरोना काल में सामने आया बर्ड फ्लू प्रशासन की दिक्कतों को और न बढा पाए. बता दें कि जानकार बताते हैं कि बर्ड फ्लू के जो लक्षण पक्षियों में मिले हैं उनसे इंसानों को अभी तक खतरा देखने को नहीं मिला है. चिकन खाने वालो को डरने की जरूरत नहीं है. लेकिन डर डर होता है ऐसे में ग्राहकों को समाझा पाना बेहद मुश्किल है.
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