Lucknow News: भारतीय जनता पार्टी 2 सितंबर से सदस्यता अभियान की शुरुआत कर रही है. इस सदस्यता अभियान को लेकर पार्टी लगातार अलग-अलग मोर्चों की बैठक कर अलग अलग वर्ग से लोगों को जोड़ने की रणनीति बना रही है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अल्पसंख्यक मोर्चे की हुई बैठक में मुसलमानों को जोड़ने पर भी विशेष फोकस किया गया. इस बैठक में 5,00,000 मुसलमानों को सदस्य बनाने का लक्ष्य लिया गया है.


भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे की हुई इस बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, भाजपा के उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष बासित अली समेत तमाम भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक नेता मौजूद रहे. इस बैठक में मुख्तार अब्बास नकवी ने मुसलमानो को भाजपा से नफरत करने की सोच को बदलने की अपील की. उन्होंने इस बैठक में मुसलमानों को लेकर सपा, कांग्रेस और बसपा की राजनीति पर निशाना साधा.


मुख्तार अब्बास नकवी ने अपने संबोधन में विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि सामंती सोच वालों के सिंडिकेट के दुष्प्रचार से पैदा भय और भ्रम से राष्ट्रवादी राजनीतिक दल के साथ अस्पृश्यता और असहिष्णुता के रवैया को बदलना समय की मांग है. मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जब भाजपा किसी के विकास में कोई कमी नहीं करती तो उसे वोट देने में कंजूसी करना नाजायज है. उन्होंने कहा सेकुलर सिंडिकेट मुसलमानों के वोटो को अपनी जागीर समझ बैठा है और इस सेकुलर सिंडिकेट से आज सतर्क रहने की जरूरत है. इस सिंडिकेट के जाल से मुसलमान बाहर निकले और भाजपा को नकारने की बजाए उसका समर्थन करें.


वहीं अपने संबोधन में मुख्तार अब्बास नकवी ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स के सांप्रदायिक, समाज तोड़ने वाले दुष्प्रचार से भी सचेत रहने की लोगों से अपील की. उन्होंने कहा कि हमें मुसलमान के भय और भ्रम को भरोसे में बदलने के लिए भरसक प्रयास करना होगा.


मुख्तार अब्बास नकवी ने प्रधानमंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो नेता लोकतंत्र के मंदिर में माथा टेक कर संविधान को सीने से लगाकर सुशासन के समावेशी सफर को आगे बढ़ा रहे हैं, उन पर संविधान विरोधी होने का आरोप झूठ के झाड़ से सच के पहाड़ पर प्रहार से ज्यादा कुछ नहीं है.


वक्फ संशोधन बिल पर क्या बोले नकवी


वक्फ संशोधन बिल को लेकर हो राजनीति पर नकवी ने इसे मुस्लिम समाज को गुमराह करने वाला बताया और कहा कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए बनी वक्फ व्यवस्था की असंवैधानिक अराजकता को संवैधानिक व्यवस्था के दायरे में लायेगा. यही वक्फ और वक्त की जरूरत है, उन्होंने कहा कि जेपीसी में चल रहे मंथन से अमृत जरूर निकलेगा.


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