Uttarakhand News: उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास (Chandan Ramdas) के निधन के बाद खाली हुई बागेश्वर (Bageshwar) सीट पर उपचुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने बिसात बिछाने शुरू कर दी है, खासकर बीजेपी और कांग्रेस उपचुनाव के लिए अपनी रणनीति बना रही है. बीजेपी (BJP) जहां इस सीट पर सिंपैथी वोट पाने की जुगत में है, तो वहीं कांग्रेस (Congress) ने बागेश्वर उपचुनाव के लिए कई मुद्दे तैयार कर लिए हैं, उधर बागेश्वर उपचुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने भी तैयारी कर ली है.
2007 से उत्तराखंड की बागेश्वर सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है. इस सीट से दिवंगत चंदन राम दास चार बार लगातार विधायक रहे, 2007 से 2022 तक चंदन रामदास ने इस सीट पर कांग्रेस को लगातार हराया. चार बार लगातार जीतने के बाद चंदन राम दास को धामी सरकार में पहली बार मंत्री बनने का मौका मिला. लेकिन बीमारी की वजह से उनका निधन हो गया. उधर, बीजेपी का यह कहना है कि पार्टी संगठन बैठकर टिकट को लेकर फाइनल तैयारी करेगा कि इसमें चंदन रामदस के परिवार को टिकट देना है या फिर किसी समर्पित कार्यकर्ता को.
प्रत्याशी पर कांग्रेस जल्द करेगी फैसला
उधर, कांग्रेस का कहना है कि प्रत्याशी को लेकर पार्टी जल्द फैसला कर देगी. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा का कहना है कि पार्टी के पास कई मुद्दे हैं. जिन को लेकर रणनीति बनाई जा रही है और बीजेपी सरकार को घेरा जाएगा. बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग में भी केंद्रीय निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेज दिया है, 28 अक्टूबर से पहले इस सीट पर चुनाव होने हैं. यहां बीजेपा का पलड़ा इसलिए भी भारी माना जा सकता है क्योंकि इस सीट पर लंबे समय से बीजेपी का कब्जा रहा है.
बागेश्वर सीट के अहम तथ्य
-बागेश्वर विधानसभा सीट 2007 से 2022 तक बीजेपी के खाते में रही है.
-2007 से 2022 तक चंदन राम दास बीजेपी के टिकट से चुनाव जीते हैं.
-2002 में रामप्रसाद टम्टा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे.
-बागेश्वर विधानसभा में मतदाताओं की संख्या 118311है.
-पुरुष मतदाताओं की संख्या 60028, महिला मतदाताओं की संख्या 58283 है.
-सर्विस मतदाता में 2166 पुरुष और 47 महिला मतदाता है.
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