Kedarnath Assembly By Election: उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा की विधायक शैला रानी रावत की देहांत के बाद खाली हुई विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. प्रदेश में पूर्व में हुए दो उप चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस काफी आत्मविश्वास से भरी हुई है और इस उप चुनाव को भी जीत कर कांग्रेस अपना 2027 विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ करना चाहती है.
जबकि बीजेपी के लिए ये सीट करो या मरो वाली स्थिति में होगी क्यों की दो विधानसभा में हुए उपचुनाव बीजेपी हार चुकी है. इस सीट को जीतना उसके किए बेहद जरूरी होगा. इसके लिए बीजेपी संगठन हर संभव प्रयास करेगा, ताकि आने वाले अन्य चुनावों में उसे राहत मिल सके फिलहाल बीजेपी का पूरा फोकस केदारनाथ उप चुनाव जीतने पर है.
केदारनाथ सीट पर बीजेपी की विशेष नजर
बीजेपी की विधायक शैला रानी रावत के निधन के कारण खाली हुई केदारनाथ विधानसभा सीट के उपचुनाव की भले ही अभी घोषणा न हुई हो, लेकिन बीजेपी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गई है. क्षेत्र में माहौल बनाने के लिए सरकार के 5 मंत्रियों की ड्यूटी लगाने की तैयारी में है.
प्रदेश की दो सीटों पर मिली बीजेपी को हार
प्रांतीय पदाधिकारी को भी इसकी जिम्मेदारी दी जा रही है. पार्टी नेतृत्व क्षेत्र में निरंतर फीडबैक भी ले रहा है, ताकि विपक्ष की तैयारी की मॉनिटरिंग की जा सके. विधानसभा की बद्रीनाथ और मंगलोर सीट पर हाल में हुए उपचुनाव में राज्य में सत्तासीन बीजेपी को सफलता नहीं मिल पाई है.
केदारनाथ चुनाव पर बेजेपी का फोकस
इसके बाद अब केदारनाथ चुनाव को लेकर बीजेपी का विशेष फोकस है प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल का कहना है कि उत्तराखंड में केदारनाथ सीट पर उपचुनाव होना है लेकिन अभी उत्तराखंड में आपदा की स्थिति बनी हुई है और सभी मंत्री और नेताओं की आपदा क्षेत्र में ड्यूटी लगाई गई है स्थितियां सामान्य होने के साथ ही सभी नेता और मंत्री केदारनाथ उप चुनाव की तैयारी में लग जाएंगे.
तैयारियों में जुटी कांग्रेस
वहीं केदारनाथ सीट पर कांग्रेस भी अपनी नजर गड़ाए बैठी है. उसके लिए भी इस सीट को जीतना बेहद जरूरी है, इसलिए कांग्रेस भी इस सीट को जीतने के लिए हर संभव प्रयास करेगी. इसके लिए कांग्रेस भी अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है. जल्द ही केदारनाथ में कांग्रेस के बड़े नेता जुटेंगे कांग्रेस की केदारनाथ बचाओ यात्रा इसकी बानगी है.
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