वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पंचायत चुनाव की सरगर्मी चरम पर है. समाजवादी पार्टी ने चंदा यादव तो बीजेपी से पूनम मौर्या प्रत्याशी घोषित हैं. दोनों प्रत्याशी चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं और मुकाबला दिलचस्प नजर आ रहा है. कांग्रेस का कहना है कि जो बीजेपी को हराएगा पार्टी उसका समर्थन करेगी.
दिलचस्प है चुनावी जंग
वाराणसी में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनावी रण में दो वीरांगनाएं अपना दमखम दिखाने को तैयार हैं. अध्यक्ष पद की दावेदारी पर सपा और बीजेपी की प्रत्याशी घोषित हो चुकी हैं. 40 सीटों पर मंथन जारी है. बीजेपी प्रत्याशी के अपने दावे हैं तो वहीं सपा प्रत्याशी चुनाव में सरकारी दबाव के आरोप लगाकर ये कहती नजर आ रही हैं कि वक्त बताएगा.
चुनावी गणित पर एक नजर
वाराणसी में 40 सीटों पर चुनावी रण होना है. सपा अपनी 16 सीटों के साथ मैदान में है. वहीं, बीजेपी को 6 सीटें प्राप्त हुई हैं. इसके साथ ही कांग्रेस को 5, सुभासपा को 2, अपना दल एस को 2 और बसपा को 5 सीट मिली हैं, बाकी निर्दल हैं. ऐसे में चुनावी गणित कहीं ना कहीं ज्यादा उलझा हुआ है. कांग्रेस का कहना है कि जो बीजेपी को हराएगा पार्टी उसका समर्थन करेगी. इतना ही नहीं सुभासपा और अपना दल एस भी सपा के खेमे की ओर देख रहे हैं. जिसमें, अब बीजेपी निर्दल और बसपा के जीते प्रत्याशियों के सहारे है. लेकिन, दूसरी ओर बीजेपी प्रत्याशी के दावे अलग हैं. खरीद-फरोख्त और छल के आरोप भी जारी हैं.
बीजेपी लगा रही है पूरी ताकत
जिला पंचायत की सीट वाराणसी में महत्वपूर्ण है, शायद यही वजह है कि बीजेपी सीट की घोषणा के बाद ही सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सपा प्रत्याशी को मिलने के लिए बुलाया. वहीं, बीजेपी प्रदेश संगठन मंत्री के जाने के बाद जैसे-तैसे सीट को पाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है. राजनीतिक तलवार खिंच गई है और अब देखना ये होगा कि जीत का सेहरा किसके सिर पर बंधेगा.
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