UP Lok Sabha Elections 2024: बस्ती जनपद में 25 मई को हुए मतदान के बाद समाजवादी पार्टी और बीजेपी समर्थकों के सोशल साइट्स पर वायरल हो रहे वीडियो के बाद हड़कंप मचा हुआ है. दोनों ही पार्टी के समर्थकों ने ऐसा कांड कर डाला की न तो उनके नेता खुलकर बोल पा रहे हैं और न ही जिला प्रशासन के पास इसका कोई जवाब है.


चुनाव आयोग के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने बस्ती के अधिकारियों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है. अब प्रशासन के सामने चुनौती है कि वह कितनी जल्दी इस मामले पर कार्रवाई करता है. प्रशासन कार्रवाई करने की हिम्मत इसलिए नहीं जुटा पा रहा क्योंकि मौजूदा बीजेपी के सांसद जीते तो उनके लिए भविष्य में कठिनाई होगी और अगर सपा के उम्मीदवार जीत गए तो फिर आज की कार्रवाई उनके लिए आगे गले की फांस बन जाएगी. 


कड़ी सुरक्षा के बीच VVPAT की तस्वीर की वायरल


कड़ी सुरक्षा के बीच ईवीएम मशीनों का बटन दबाकर वोटर मतदान करता है और इस दौरान मतदान केंद्रों पर भारी पुलिस फोर्स की तैनाती रहती है, जो वोटरों की अच्छे से चेकिंग करने के बाद उन्हें वोट देने के लिए भेजते हैं. बावजूद इसके कुछ जगहों पर लापरवाही की वजह से ईवीएम मशीनों में वोटिंग करते हुए वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है. एटा जनपद में एक युवक ने एक ही ईवीएम मशीन पर आठ अलग-अलग लोगों के वोट डालने और उसका वीडियो बनाकर वायरल करने के मामले में चुनाव आयोग की काफी किरकिरी हो चुकी है. बावजूद इसके कोई सबक लेने के बजाय जिम्मेदार अभी भी बेपरवाह बने हुए हैं.


बस्ती जनपद में सबसे पहले बीजेपी के प्रत्याशी हरीश द्विवेदी के इंस्टाग्राम आईडी पर बीजेपी को वोटिंग करते हुए ईवीएम मशीन का वीडियो पोस्ट किया गया, जो धीरे-धीरे वायरल हो गया. इसके बाद समाजवादी पार्टी कहां पीछे रहने वाली थी. तो सपा के एक समर्थक दिलीप चौधरी ने भी अपने फेसबुक आईडी पर सपा को वोट देते हुए ईवीएम मशीन और वीवीपैट का वीडियो पोस्ट किया जो कुछ ही देर में वायरल हो गया. जिन्हें चुनाव आयोग के नियमों का बखूबी पालन करना था वही उसका मखौल उड़ाते दिखे और दोनों राजनीतिक पार्टियों के समर्थकों ने सारी सुरक्षा को ताक पर रखते हुए वर्जित ईवीएम मशीन पर मतदान करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया.


वहीं इस पूरे मामले को लेकर जब हमने जिलाधिकारी अंद्रा वापसी से बात की तो वे इस प्रकरण से अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आए।. डीएम ने कहा कि एसपी से बात करिए और दोनो मामले में उनके स्तर से ही एफआईआर दर्ज होगी. मगर जिला निर्वाचन अधिकारी जब खुद वीडियो का संज्ञान लेकर कार्रवाई करने से कतरा रहे तो क्या उम्मीद किया जाए कि एसपी इसमें कोई एक्शन लेने की हिम्मत जुटा पाएंगे.


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