UP Lok Sabha Elections 2024: पश्चिमी यूपी की महत्वपूर्ण सीटों में शुमार कैराना लोकसभा सीट एक बार फिर सुर्खियों में है. कभी पलायन को लेकर देश की नजरों में आई कैराना लोकसभा सीट पर बीजेपी ने फिर से गुर्जर कार्ड खेला है. तीन बार विधायक रहे और मौजूदा सांसद प्रदीप चौधरी पर ही भरोसा जताकर टिकट फाइनल किया है. ऐसे में कैराना की चुनावी जंग बेहद दिलचस्प होगी और यहां सपा की इकरा हसन से प्रदीप चौधरी के सीधा मुकाबला होने के आसार नजर आ रहे हैं. हालांकि बसपा ने यहां अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं.


कैराना लोकसभा सीट पर अखिलेश यादव ने इकरा हसन को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में बीजेपी ने भी अपने मौजूदा सांसद प्रदीप चौधरी को इकरा हसन के सामने चुनाव मैदान में उतरकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया. प्रदीप चौधरी हिंदू गुर्जर हैं और इकरा हसन मुस्लिम गुर्जर हैं. ऐसे में दो गुर्जरों के बीच चुनावी महाभारत बेहद दिलचस्प होगी. इकरा ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है और प्रदीप चौधरी भी पहले से ही जनता के बीच बने हैं. अब दोनों ही तूफानी जनसंपर्क करने की तैयारी में जुट गए हैं. बीजेपी ने कैराना के साथ अमरोहा में भी गुर्जर पूर्व सांसद कंवर सिंह तवर को मैदान में उतारा है. यानि दो गुर्जर पश्चिमी यूपी से मैदान में हैं.


तबस्सुम हसन को हराया अब बेटी से है मुकाबला


2014 के लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के कद्दावर नेता बाबू हुकुम सिंह सांसद बने थे, लेकिन उनके निधन के बाद 2018 में हुए लोकसभा उपचुनाव में तबस्सुम हसन ने बाबू हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को चुनाव हराकर संसद का सफर तय किया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदीप चौधरी ने तबस्सुम हसन से सीट छीन ली और सांसद बने.


प्रदीप चौधरी ने लोकसभा चुनाव में तबस्सुम हसन को 92 हजार 160 वोटों से चुनाव हराया था. बीजेपी सांसद प्रदीप चौधरी को 5 लाख 66 हजार 961 वोट मिली थी, जबकि हसन परिवार की बहु तबस्सुम हसन को 4 लाख 74 हजार 801 वोट मिले थे. इस बार तबस्सुम हसन की बेटी इकरा हसन को अखिलेश ने मैदान में उतारा है और बीजेपी ने फिर से अपने मौजूदा सांसद प्रदीप चौधरी पर दांव लगाया है.


चर्चा है कि क्या प्रदीप इकरा को भी चुनाव हराएंगे या इकरा अपनी मां की हार का प्रदीप चौधरी से बदला ले पाएंगी? इकरा हसन पूर्व सांसद मुनव्वर हसन की बेटी और विधायक नाहिद हसन की बहन हैं.


कौन हैं सांसद प्रदीप चौधरी? 


कैराना सांसद प्रदीप चौधरी गांव दूधला सहारनपुर के रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम स्वर्गीय मास्टर कंवरपाल है. पोस्ट ग्रेजुएट हैं और 1999 में विधायक पिता कंवरपाल के निधन के बाद साल 2000 में हुए उपचुनाव में नकुड़ विधानसभा से आरएलडी से विधायक बने. इसके बाद सहारनपुर की गंगोह विधानसभा सीट से कांग्रेस से 2012 में और फिर 2017 में बीजेपी से विधायक चुने गए.


2019 में कैराना लोकसभा सीट जीतकर संसद पहुंचे. पत्नी सुनीता चौधरी हैं और दो बेटे अंशुमन चौधरी और अनिमेष चौधरी हैं. कैराना लोकसभा में शामली जिले की तीन विधानसभा सीट शामली, कैराना और थानाभवन विधानसभा के साथ सहारनपुर की नकुड और गंगोह विधानसभा सीट आती हैं.


हुकुम सिंह ने उठाया था ये मुद्दा 


कैराना पलायन का मुद्दा सांसद रहे हुकुम सिंह ने उठाया था. उन्होंने मुकीम काला को इसका गुनहगार बताया था. मुकीम काला ने रंगदारी ना देने पर दो ममेरे फुफेरे भाइयों के हत्या कर दी थी. 30 अप्रैल 2016 को सांसद बाबू हुकुम सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस की और आरोप लगाया कि कैराना और कांधला के 346 परिवार दहशत में पलायन कर गए और इसकी सूची भी जारी की थी. साथ ही गैंगस्टर मुकीम काला का आपराधिक इतिहास भी सामने रखा था.


दावेदारों के बीच प्रदीप चौधरी ने मारी बाजी 


कैराना लोकसभा सीट से बीजेपी में दावेदारों के लिस्ट लंबी थी. बीजेपी के कद्दावर नेता स्वर्गीय हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह, एमएलसी वीरेंद्र सिंह के बेटे पूर्व जिला पंचायत सदस्य मनीष चौहान भी प्रबल दावेदार थे, लेकिन बाजी प्रदीप चौधरी ही मार कर ले गए. कैराना लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी सांसद प्रदीप चौधरी का कहना है कि पार्टी ने मुझ पर फिर भरोसा जताया तो ये भरोसा कायम रहेगा. पूरी ईमानदारी से काम करूंगा. हम मजबूती से चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे.


सपा प्रत्याशी इकरा हसन ने क्या कहा?


कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी इकरा हसन का कहना है कि पहले भी बीजेपी से मुकाबला था और अब भी है. हमारी लड़ाई बीजेपी और उसकी विचारधारा से है. हम मजबूती से चुनाव लड़ेंगे और इंशाअल्लाह जीतेंगे भी.


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