BJP District President in Etawah: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कल रात इटावा बीजेपी जिला अध्यक्ष को अचानक हटा दिया था. इटावा बीजेपी जिला अध्यक्ष को हटाए जाने के बाद सपा ने चुटकी ली है. सपा ने कहा कि बीजेपी इटावा में पंचायत चुनाव में मिली हार को लेकर डेमेज कंट्रोल करने की कोशिश में है. लेकिन, अब कुछ होने वाला नहीं है. इटावा से बीजेपी का अस्तित्व खत्म होने को है, साथ ही प्रदेश में भी चुनाव के बाद बीजेपी का सफाया होगा.


पूरे दम से चुनाव लड़ेगी बीजेपी 
वहीं, प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य एवं इटावा के वरिष्ठ बीजेपी नेता रमाकांत शर्मा ने कहा कि विरोधियों के पास कहने को कुछ बचा नहीं है, हमारे यहां लोकतांत्रिक व्यवस्था है, यहां जातिवाद नहीं चलता. अगर पार्टी ने जिला अध्यक्ष बदला है तो कुछ सोचकर ही किया होगा. चुनाव करीब है, हो सकता है इसी को ध्यान में रखकर ये बदलाव किया गया हो. पहले हमने 3 में से 2 विधान सभा जीती थी अब तीनों विधानसभा जीतने के लिए ये रणनीति बनाई गई है. वहीं, नए जिला अध्यक्ष संजीव राजपूत ने कहा कि पार्टी आलाकमान ने जो जिम्मेदारी दी है उसे पूरी तरह से निभाऊंगा. नई रणनीति बनाकर पूरी दमदारी से विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा. 


संजीव राजपूत को बनाया गया जिला अध्यक्ष
इटावा में कल रात बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने इटावा के जिला अध्यक्ष अजय ढाकरे को हटाकर संजीव राजपूत को जिला अध्यक्ष बनाए जाने की सूचना दी गई थी. इस बदलाव के बाद बीजेपी के साथ ही अन्य पार्टियों में भी हलचल तेज हो गई थी. दरअसल, पंचायत चुनाव में जिस तरह बीजेपी की इटावा में हार हुई थी उसके बाद इटावा जिला अध्यक्ष अजय ढाकरे का जिला अध्यक्ष की कुर्सी पर बने रहना मुश्किल नजर आ रहा था. 


पंचायत चुनाव में मिली थी हार 
करीब 6 महीने बाद ही प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं. इटावा में पंचायत चुनाव में 24 जिला पंचायत सदस्यों में से केवल एक पर बीजेपी जीत पाई थी. वहीं, ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. केवल बढ़पुरा से एक ब्लॉक प्रमुख लॉटरी सिस्टम से जीत पाया था, जिसके बाद स्वतंत्र देव सिंह ने जिला कार्यकारिणी एवं जिला अध्यक्ष की जमकर क्लास लगाई थी. अब इसी के बाद कल रात जिला अध्यक्ष की कुर्सी में बदलाव किया गया है. नए जिला अध्यक्ष संजीव राजपूत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के करीबी माने जाते हैं. संजीव राजपूत की लोधी राजपूत बेल्ट में अच्छी पकड़ है और इसी के चलते ही उन्हें जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है. हालांकि, खुद नए जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गए थे.


सपा ने साधा निशाना 
वहीं, नई जिम्मेदारी मिलने पर संजीव राजपूत ने कहा कि प्रदेश आलाकमान ने जो जिम्मेदारी दी है उस पर रणनीति बनाकर बखूबी काम किया जाएगा. इस मौके पर समाजवादी पार्टी को बीजेपी पर निशाना साधने का मौका मिल गया है. सपा जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने तो यहां तक कह डाला कि पंचायत चुनाव के बाद बीजेपी का इटावा से अस्तित्व खत्म हो गया है. बीजेपी खूब डैमेज कंट्रोल कर ले लेकिन कुछ होने वाला नहीं है. क्योंकि, उन्हें प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी इटावा में हार का सामना करना पड़ेगा.  


बीजेपी ने किया पलटवार 
बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य और वरिष्ठ नेता डॉ रमाकांत शर्मा ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारी पार्टी में लोकतंत्र है. लोकतांत्रिक तरीके से ही हमारी पार्टी चलती है. हमारे यहां जातिवाद नहीं है, विरोधियों का काम है कहना वो कहते रहेंगे. जिला अध्यक्ष बदलने पर रमाकांत शर्मा ने कहा कि जरूर प्रदेश कार्यकारिणी ने कुछ सोच समझकर ही ये निर्णय लिया होगा और हमारी कोशिश रहेगी कि इस निर्णय के बाद इटावा की तीनों विधानसभा को जीता जाए. जब उनसे पूछा गया कि क्या शिवपाल सिंह की जसवंत नगर विधानसभा सीट को भी बीजेपी जीतने की कोशिश करेगी तो उन्होंने कहा कि हम अपना काम करेंगे, वो अपना काम करें. 



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