मिल्कीपुर उपचुनाव में बीजेपी ने चंद्रभान पासवान को ही क्यों चुना? सामने आई ये बड़ी वजह
Milkipur By Election 2025: मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा और बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया. दोनों प्रत्याशियों का टिकट फाइनल होते सियासी गलियारों में कई तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं.
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Milkipur Bypoll Election 2025: मिल्कीपुर विधासनभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवार घोषित कर दिया. सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए बीजेपी ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य चंद्रभान पासवान को प्रत्याशी बनाया है. पेशे से वकील चंद्रभान पासवान ने कई दिग्गजों को पछाड़कर बीजेपी का टिकट का हासिल किया.
समाजवादी पार्टी और बीजेपी दोनों के लिए मिल्कीपुर उपचुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है. सपा ने मिल्कीपुर सीट से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है. कई सियासी दिग्गजों को दरकिनार कर जब बीजेपी आलाकमान ने चंद्रभान पासवान को प्रत्याशी बनाया तो सियासी गलियारों में नई बहस शुरू हो गई.
चंद्रभान पासवान को क्यों मिला टिकट
चंद्रभान पासवान को मिल्कीपुर से बीजेपी का प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर कई बातें सामने आई हैं. बताया जा रहा है कि बीजेपी प्रदेश संगठन के नेता और सरकार के कई मंत्रियों ने लगातार मिल्कीपुर का दौरा किया था. इन नेताओं में बीजेपी संगठन के पदाधिकारी भी शामिल थे. इन दौरों के बाद ये लोग मिल्कीपुर में किसी नए चेहरे को चुनावी मैदान में उतारने पर जोर दे रहे थे.
कहा जा रहा है कि इसी फीडबैक की वजह से पूर्व विधायक गोरख बाबा के साथ बीजेपी कई नेता टिकट की दौड़ में पीछे रह गए हैं और बीजेपी आलाकमान ने मिल्कीपुर में चंद्रभान पासवान के रुप में नए चेहरे को मैदान में उतारा. इसके अलावा बीजेपी किसी गैर विवादित चेहरे की भी तलाश में थी.
चंद्रभान पासवान जातिगत समीकरणों के साथ बीजेपी के सभी क्राइटेरिया को पूरी कर रहे थे और उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी टिकट दिलाने में मजबूत आधार बनी. चंद्रभान पास रुदौली से दो बार जिला पंचायत सदस्य रहे हैं और वर्तमान में उनकी पत्नी यहां से जिला पंचायत सदस्य हैं. इसके अलावा उनके पिता भी ग्राम प्रधान है. साल 2022 में मिल्कीपुर में बीजेपी को मिली हार के बाद चंद्रभान पासवान लगातार क्षेत्र में सक्रिय थे.
सपा के लिए चुनौती
मिल्कीपुर में इस बार मुख्य लड़ाई सपा और बीजेपी में है. बहुजन समाजपार्टी ने उपचुनाव में प्रत्याशी ना उतारने का फैसला किया है. जबकि कांग्रेस ने सपा प्रत्याशी को समर्थन देने का ऐलान किया है. मिल्कीपुर सीट एक तरह से सपा का गढ़ माना जाता है. साल 1996 से 2004 तक इस सीट पर सपा के अलग-अलग प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. इसके बाद साल 2004 में बीएसपी और 2017 में बीजेपी ने जीत हासिल की थी. इस दौरान अधिकतर समय सपा का यहां पर दबदबा रहा है.
इसके अलावा बीजेपी ने सपा के पीडीए फॉर्मूले काट के तौर पर भी चंद्रभान पासवान को तरजीह दी है. इस सीट पर साढ़े तीन लाख से अधिक मतदाता हैं, जिनमें पासी और यादव मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. बीजेपी अपने कोर मतदाताओं के सहारे सपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की फिराक में हैं. चंद्रभान पासवान और सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद पासी समाज से हैं. इस सीट पर 5 फरवरी को चुनाव होगा और 8 फरवरी को परिणाम घोषित किए जाएंगे.
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