लखनऊ. यूपी सरकार की जनसंख्या नीति पर राजनीति तेज हो गई है. सपा, बसपा, कांग्रेस सभी इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों ले रहे हैं. वहीं, विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी ने सफाई दी है. बीजेपी ने इस मुद्दे पर राजनीति ना करने की अपील की है.
मायावती ने उठाए सरकार की नीयत पर सवाल
बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसको लेकर सरकार की नीयत और मंशा पर सवाल उठाए हैं. मायावती ने मंगलवार को तीन ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा. मायावती ने कहा, "यूपी बीजेपी सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण हेतु लाया जा रहा नया बिल, इसके गुण-दोष से अधिक इस राष्ट्रीय चिन्ता के प्रति गंभीरता व इसकी टाइमिंग को लेकर सरकार की नीति व नीयत दोनों पर शक व सवाल खड़े कर रहा है, क्योंकि लोगों को इसमें गंभीरता कम व चुनावी स्वार्थ ज्यादा लग रहा है."
मायावती ने कहा कि अगर जनसंख्या नियंत्रण को लेकर यूपी बीजेपी सरकार थोड़ी भी गंभीर होती तो यह काम सरकार को तब ही शुरू कर देना चाहिये था जब इनकी सरकार बनी थी और फिर इस बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करती तो अब यहां विधानसभा चुनाव के समय तक इसके नतीजे भी मिल सकते थे.
मायावती ने आगे कहा कि यूपी व देश की जनसंख्या को जागरूक, शिक्षित व रोजगार-युक्त बनाकर उसे देश की शक्ति व सम्मान में बदलने में विफलता के कारण बीजेपी अब कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार की तरह ही जोर-जबरदस्ती व अधिकतर परिवारों को दण्डित करके जनसंख्या पर नियंत्रण करना चाहती है जो जनता की नजर में घोर अनुचित है.
कांग्रेस ने भी साधा निशाना
वहीं, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने भी इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि ये जनसंख्या वाली स्पेशल ट्रेन वहीं जाती है जहां चुनाव होता है. उन्होंने इस पर आए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान का ज़िक्र कर कहा कि जो संभावनाएं बन रही वो बीजेपी और जेडीयू के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है.
बीजेपी की सफाई
विपक्षियों के सवालों का जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि जनसंख्या की समस्या पूरे प्रदेश की है. ये किसी जाति, मजहब या समुदाय की नहीं. इस पर राजनीति नही होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं इसलिए समय रहते जनसंख्या की समस्या का समाधान जरूरी है.
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