देहरादून: उत्तराखंड के सल्ट में होने जा रहा विधानसभा उपचुनाव सूबे के नए मुख्यमंत्री और नई प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के लिए कोई अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. जहां एक तरफ सल्ट उपचुनाव में बीजेपी के पास सहानुभूति का कार्ड है तो वहीं पिछले चार साल के नाम और नाकामी गिना कर कांग्रेस भी इस उपचुनाव में मैदान में उतर कर जीत का दावा कर रही है. अब सल्ट विधानसभा उपचुनाव को लेकर दोनों ही राजनीतिक पार्टियों ने अपनी जीत का दावा कर दिया है. आगामी 17 अप्रैल को विधानसभा सीट में उपचुनाव होना है, जिसके चलते दोनों राजनीतिक पार्टी अपनी जीत दर्ज करने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं.


दिवंगत सुरेंद्र जीना के भाई पर बीजेपी लगा सकती है दांव


शनिवार को बीजेपील कोर कमेटी की बैठक में 6 नामों पर प्रस्ताव रखा गया जिसमें दिवंगत विधायक सुरेंद्र जीना के भाई महेश जीना का भी नाम शामिल है. संभावना यह मानी जा रही है कि, सुरेंद्र सिंह जीना के परिवार में से किसी सदस्य को उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया जाए, जिसके लिये अब आलाकमान उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगाने जा रहा है. 2022 के निशाने से पहले ठीक सल्ट उपचुनाव भाजपा के लिए अब एक बड़ी चुनौती और टेढ़ी खीर होगी लेकिन भाजपा पूर्ण रूप से जीत हासिल करने की बात कर रही है.


कांग्रेस-बीजेपी में रस्साकशी


ऐसे में जहां राज्य सरकार के 4 साल बीत चुके हैं और वहीं इलेक्शन मोड में आई भाजपा अब इस उपचुनाव में जीत दर्ज करने की शुरुआत करने की कोशिश में है. बात अगर प्रदेश में कांग्रेस की करें तो कांग्रेस भी लगातार चार सालों में किए गए कार्यों को लेकर सरकार से लेकर संगठन तक हमलावर रही है अब ऐसे में अप्रैल माह में सल्ट विधानसभा चुनाव होना है तो कांग्रेस भी अपनी रणनीति तैयार कर इस चुनाव को जीतने के लिए बेताब बैठी है. अब देखना यही होगा कि, हार जीत की शुरुआत होने वाले इस साल विधानसभा चुनाव में किसके खाते में यह सीट जाती है. बहरहाल दोनों ही पार्टियां उम्मीदवारों की तलाश और मंथन में लगे हैं, आखिरकार कौन सा ऐसा उम्मीदवार हो जो पार्टी को जीत दिला सके.


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