मेरठ: मेरठ STF और पुलिस ने संयुक्त छापेमारी कर NCERT की अवैध किताबों के छपने के कारोबार का खुलासा करते हुए मेरठ और अमरोहा से करीब 50 करोड़ की किताबें और प्रिंटिंग मशीन बरामद की. किताबों और मशीनों की कुल कीमत करीब 100 करोड़ होगी. जिसे लेकर पुलिस और STF टीम FIR दर्ज कर रही है. वहीं, मुख्य आरोपी सचिन गुप्ता की तलाश की जा रही है लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक संजीव गुप्ता का भी इस कारोबार भागेदारी थी लेकिन पुलिस संजीव गुप्ता को लेकर जांच कर उचित कार्रवाई की बात कह रही है.


मेरठ में एनसीईआरटी की नकली किताब छापने वाले गिरोह का एसटीएफ की टीम ने पर्दाफाश कर दिया है. मेरठ पुलिस और एसटीएफ के ज्वाइंट ऑपरेशन में करीब 35 करोड़ की नकली किताबें और मशीनरी बरामद हुई हैं. पुलिस ने फैक्ट्री और गोदाम समेत तीन जगहों को सील कर दिया है साथ ही एक दर्जन से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए हैं.



छापेमारी के दौरान गैंग के सरगना संजीव गुप्ता का पॉलिटिकल कनेक्शन सामने आया है. कहा जा रहा है कि वह बीजेपी से जुड़ा है. तफ्तीश में पता चला है कि कई दस्तावेज जलाए गए हैं, जिनकी जांच में फॉरेंसिक, पुलिस, एसटीएफ, जीएसटी और एनसीईआरटी समेत कई एजेंसियां इस मामले की जांच में जुट गयी हैं.


पूरा मामला समझिये


मेरठ के परतापुर थाना अंतर्गत स्थित एक प्रकाशक के यहां छापा मारकर मेरठ पुलिस और एसटीएफ की टीम ने एनसीईआरटी की 35 करोड़ की नकली किताबें बरामद की है. टीम ने मौके से दर्जनभर लोगों को हिरासत में ले लिया. एनसीईआरटी का देश भर में एक ही कोर्स है, जिसके प्रकाशन का अधिकार दिल्ली के कुछ चुनिंदा प्रकाशकों को ही है.


कुछ प्रकाशक किताबों का फर्जी तरीके से प्रकाशन कर रहे हैं. इसी सूचना पर परतापुर थाना क्षेत्र में एक प्रकाशक के यहां एसटीएफ और मेरठ पुलिस की संयुक्त छापेमारी की गई. जिससे यहां पर गोदाम में एनसीईआरटी की किताबों की बाइंडिंग चल रही थी. पुलिस को देख कुछ लोग भाग खड़े हुए, जबकि अन्य दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. यहां से 35 करोड़ की किताबें बरामद की गई हैं.


364 तरह की नकली किताबें छपती थीं


पूछताछ में पता चला कि किताबें प्रकाशित कर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली समेत कई राज्यों में सप्लाई की जाती थीं. अधिकांश किताबें 9वीं से 12वीं तक की फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स की हैं. इस फैक्ट्री में एनसीईआरटी व अन्य की करीब 364 तरह की नकली किताबें छापी जाती थीं. पुलिस ने बताया कि प्रकाशक की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है.


पूरे मामले से शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों, जीएसटी और एनसीईआरटी अधिकारियों को अवगत करा दिया है. उन्होंने बताया कि मामले में आईपीसी की धाराओं के साथ ही कॉपीराइट और पायरेसी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी.


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