Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस के अभेद्य किले में BJP भी दिखा रही दमखम, साख बचाने की चुनौती
UP Lok Sabha Election 2024: गांधी परिवार के प्रति जुड़ाव रायबरेली (Rae Bareli) में हर जगह देखने को मिलता है. कांग्रेस ने यहां के लिए 'रायबरेली के राहुल' नारा दिया है.
Lok Sabha Election 2024: चर्चा में रहने वाले इस लोकसभा क्षेत्र में हो रही हर राजनीतिक चर्चा गांधी नाम के जिक्र के बिना अधूरी है. राम मंदिर, मोदी का नाम, सरकार की मुफ्त राशन योजना, गरीबों के लिए पक्के मकान, आवारा पशु और बीजेपी के सत्ता में आने पर संविधान बदलने के कांग्रेस के आरोप चुनाव में चर्चा का विषय हैं. लेकिन गांधी परिवार इन सब पर हावी है.
कांग्रेस के वर्चस्व का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि वह आजादी के बाद से केवल तीन बार - 1977, 1996 और 1998 में रायबरेली हारी है. सोनिया गांधी ने 2004 से लगातार चार बार इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और अब उन्होंने अपने बेटे राहुल गांधी को कमान सौंप दी है.
गांधी परिवार का गढ़ रहे पड़ोसी लोकसभा क्षेत्र अमेठी में पिछले चुनाव में बीजेपी की नेता स्मृति ईरानी से हार का सामना करने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का मुकाबला बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह से है. रिक्शा चालक सोनू पांडे ने कहा, “यहां तो पंजा चलता है, ये गांधी परिवार का गढ़ है. कोई भी उम्मीदवार हो, गांधी परिवार ही जीतेगा. यहां सिर्फ मतों के अंतर की बात है.”
खिलौनों की दुकान के मालिक रवींद्र सिंह का भी ऐसा ही मानना है. उनके विचार से राहुल गांधी यहां से जीत जाएंगे क्योंकि गांधी परिवार के साथ रिश्ता अन्य चीजों से ऊपर है. उन्होंने कहा, “पिछली बार देश में अलग तरह की भावना थी और फिर भी सोनिया गांधी जी 1,67,000 से अधिक मतों से जीती थीं. इसलिए इस बार राहुल के लिए कोई परेशानी नहीं है. दिलचस्पी केवल मतों के अंतर को लेकर है.”
ये फैक्टर भी होगा अहम
रायबरेली में जारी चुनावी जंग का दूसरा पहलू भी है. बीजेपी समर्थकों का कहना है कि राम मंदिर के निर्माण से पार्टी को फायदा हो सकता है, लेकिन वे अपनी चुनौतियों से भी अवगत हैं और मानते हैं कि यह दिनेश सिंह के लिए एक कठिन चुनावी मुकाबला है, जो 2019 के लोकसभा चुनावों में सोनिया गांधी से हार गए थे.
रायबरेली शहर के एक टैक्सी चालक आलोक सिंह ने कहा कि वह बीजेपी को वोट देंगे. उन्होंने कहा कि सदियों के इंतेजार के बाद आखिरकार मोदी सरकार में राम मंदिर बना. हालांकि, वह यह भी मानते हैं कि यहां से बीजेपी की जीत मुश्किल नजर आ रही है.
उन्होंने कहा, “मैं बीजेपी समर्थक और मतदाता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि गांधी परिवार ने यहां लंबे समय तक शासन किया है और जो विकास होना चाहिए था वह नहीं हुआ है, हालांकि मैं किसी भ्रम में नहीं रहना चाहता. 99 प्रतिशत राहुल जीतेंगे.” राहुल गांधी को अमेठी के बजाय रायबरेली से उम्मीदवार बनाए जाने पर कई लोगों का मानना है कि उन्हें यहां से इसलिए प्रत्याशी बनाया गया क्योंकि यह अपेक्षाकृत सुरक्षित सीट है.
भावनात्मक जुड़ाव पर जोर
गांधी परिवार के प्रति जुड़ाव यहां हर जगह देखने को मिलता है. कांग्रेस ने यहां के लिए 'रायबरेली के राहुल' नारा दिया है और पार्टी पीढ़ियों से चले आ रहे भावनात्मक जुड़ाव पर जोर देती रही है. इस सीट पर 20 मई को होने वाले मतदान से पहले शुक्रवार को सोनिया गांधी ने एक रैली को संबोधित कर भावनात्मक अपील की.
उन्होंने कहा, 'मैं अपने बेटे (राहुल गांधी) को आपको सौंप रही हूं. उन्हें इसी तरह अपना मानें, जैसा आपने मुझे माना. राहुल आपको कभी निराश नहीं करेंगे.” रैली में उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाद्रा भी मौजूद थीं. हालांकि राहुल गांधी और बीजेपी के दिनेश सिंह चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं, लेकिन ज्यादातर सुर्खियों का केंद्र कांग्रेस महासचिव प्रियंका हैं जो अपने परिवार के चुनावी किले में पार्टी की कमान संभाल रही हैं.
हालांकि ‘दूध का जला, छाछ भी फूंककर पीता है’ कहावत की तर्ज पर कांग्रेस अमेठी से मिली हार का सबक लेकर इस बार कोई गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहती. प्रियंका गांधी ने वास्तव में रायबरेली और पास के अमेठी दोनों में एक जोरदार प्रचार अभियान चलाया है. अमेठी में गांधी परिवार के सहयोगी किशोरी लाल शर्मा बीजेपी की कद्दावर मंत्री स्मृति ईरानी का मुकाबला कर रहे हैं.
अमित शाह की कोशिश
दूसरी ओर, बीजेपी भी कड़ी टक्कर दे रही है. बीजेपी मैदान में डटे रहने के महत्व को अच्छी तरह जानती है, जिसका फायदा उसे पिछले चुनाव में अमेठी में मिला था. गांधी परिवार का किला ढहाने की कोशिशों के तहत गृह मंत्री अमित शाह एक सप्ताह से भी कम समय में दो बार निर्वाचन क्षेत्र का दौरा कर दिनेश प्रताप सिंह के लिए प्रचार कर चुके हैं.
दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि सोनिया गांधी ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन समाजवादी पार्टी, बीएसपी और अपना दल (कमेरावादी) ने उनका समर्थन किया था, वह एक तरह से चारों दलों की उम्मीदवार थीं. उन्होंने कहा, “लेकिन सोनियां गांधी को जिन पार्टियों का समर्थन हासिल था, वह राहुल को नहीं है.”
जमीनी स्तर पर देखें तो मुफ्त राशन योजना और गरीबों के लिए 'पक्के' घरों का निर्माण बीजेपी को फायदा पहुंचा सकता है. बीजेपी उलटफेर करने का माद्दा रखती है, लेकिन यहां के मतदाताओं के साथ गांधी परिवार के भावनात्मक जुड़ाव को देखते हुए यह एक कठिन काम लगता है.
रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र में बछरावां, हरचंदपुर, रायबरेली, सरेनी और ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. अमेठी और रायबरेली निर्वाचन क्षेत्रों में 20 मई को मतदान होगा और मतगणना देश के बाकी हिस्सों के साथ चार जून को की जाएगी.