UP Politics: यूपी में कुछ खास कमाल नहीं कर पाए हैं BJP के नए प्रयोग! क्या इस वजह से बढ़ी है टेंशन?
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) की तैयारियों लगी बीजेपी के लिए यूपी (UP BJP) में नए प्रयोग सफल होते हुए नजर नहीं आ रहे हैं. इसके बाद अब पार्टी का आलाकमान खुद एक्टिव नजर आ रहा है.
Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों से लिए बीजेपी (BJP) का आलाकमान अचानक से एक्टिव नजर आ रहा है. पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) और फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) यूपी बीजेपी (UP BJP) की तैयारियों पर सीधी नजर बनाए हुए हैं. वहीं राजनीतिक पंडित की मानें तो यूपी में बीजेपी के नए प्रयोग अभी तक कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए हैं.
दरअसल, सूत्रों की मानें तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस महीने लखनऊ आ रहे हैं. इस दौरान वे संगठन के कामों और दिग्गज नेताओं के साथ बैठक करेंगे. बैठक में पार्टी की चुनावी तैयारियों के बाद में जानकारी लेंगे और समीक्षा करेंगे. इससे पहले राष्ट्रीय महामंत्री बीएसल संतोष ने लखनऊ में बीते दिनों एक बैठक की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी लोग जनता और सरकार के बीच सेतु का काम करें.
अमित शाह खुद एक्टिव
हालांकि बात यहीं खत्म नहीं होती, अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद यूपी के मामले में एक्टिव नजर आ रहे हैं. उन्होंने यूपी में पार्टी के लिए खुद मोर्चा संभाल लिया है. वे लोकसभा की हारी सीटों पर खुद तैयारियों की समीक्षा करेंगे. सूत्रों के अनुसार 16 जनवरी को अमित शाह यूपी आ रहे हैं. 16 जनवरी को अमित शाह अंबेडकरनगर और बलरामपुर में रहेंगे. इसके बाद 17 जनवरी को अमित शाह सहारनपुर और बिजनौर का दौरा करेंगे.
इन दोनों दिग्गजों के एक्टिव होने के पीछे कई खास वजह है. दरअसल, अगस्त के दौरान यूपी में बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भूपेंद्र चौधरी को दी थी, उन्होंने मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की जगह ली. अगस्त में ही धर्मपाल सिंह को यूपी में राष्ट्रीय महामंत्री नियुक्त किया गया था. उन्हें सुनील बंसल की जगह ली थी. हालांकि इसके बाद से दो उपचुनाव हुए. पहले गोला गोकर्णनाथ सीट पर उपचुनाव हुआ और इसमें बीजेपी अपनी सीट बचा पाई.
इस वजह से बढ़ी है टेंशन
लेकिन भूपेंद्र चौधरी और धर्मपाल सिंह का असली टेस्ट मैनपुरी, रामपुर और खतौली उपचुनाव में हुआ. इन लेकिन मैनपुरी और खतौली उपचुनाव में बीजेपी की बुरी हार हुई. खतौली तो बीजेपी की सीट थी, वहां बीजेपी के विक्रम सिंह सैनी विधायक थे. लेकिन उनकी सदस्यता जाने के बाद उनकी पत्नी राज कुमारी सैनी को उम्मीदवार बनाया गया. इसके बाद भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा.
वहीं दूसरी ओर उपचुनाव के दौरान पश्चिमी यूपी में जाट वोट कुछ हद तक सपा गठबंधन के ओर जाता दिखा. यहां गौर करने वाली बात ये है कि भूपेंद्र चौधरी इसी पश्चिमी यूपी से आते हैं और जाट समुदाय में उनकी खास पकड़ मानी जाती है. इसके अलावा उपचुनाव से बीएसपी के बाहर रहने के बाद दलित वोटर्स का बड़ा हिस्सा सपा गठबंधन के ओर गया. ये बीजेपी के लिए दोहरा झटका था.
इन सबके अलावा लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में बीजेपी ने 12 सीटों की लिस्ट तैयार की है. ये वहीं सीटें है जिसपर बीजेपी की लोकसभा चुनाव के दौरान हार हुई थी. इन सीटों पर केंद्रीय मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई. राजनीतिक जानकारों के अनुसार यूपी में बीजेपी की रणनीति पर काम नहीं हो पा रहा है.