UP MLC Election Results 2022: यूपी एमएलसी चुनावों में समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले मुरादाबाद मंडल में भी इस बार बीजेपी के सत्यपाल सिंह सैनी ने भारी मतों से जीत हासिल की है. जिसके बाद उन्होंने सभी वर्गों के लिए पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम करने का वादा किया. सत्यपाल सैनी ने कहा कि मुझे 90 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं ने वोट दिया है. उन्होंने कहा कि जिस मुस्लिम वोट बैंक को सपा ने हमेशा अपना बताती आ रही है अगर वो उनके साथ होते तो हमें वोट क्यों मिलता. क्योंकि हम सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर काम करते हैं. 

 

बीजेपी को मिला मुस्लिमों का साथ

सत्यपाल सैनी को मुरादाबाद-बिजनौर विधान परिषद चुनावों में 6640 वोट मिले हैं, जबकि सपा प्रत्याशी अजय मालिक को सिर्फ 1107 वोट मिले और 114 मत निरस्त हो गए. इस तरह मुरादाबाद मंडल के संभल, अमरोहा, मुरादाबाद और बिजनौर चारों जनपदों में भाजपा को इस बार चुनाव में जो जीत मिली वो मामूली नहीं है. क्योंकि ये चारों जनपद सपा के गढ़ माने जाते हैं. विधानसभा और पिछले लोकसभा चुनावों में यहां सपा को सबसे ज़्यादा सीटें मिली थीं. मुस्लिम बहुल होने के कारण यहाँ सपा को सबसे अधिक वोट मिलता रहा है और यहाँ से एमएलसी चुनाव भी सपा जीतती रही है लेकिन इस बार मुस्लिम मतदाताओं ने बीजेपी को दिल खोलकर वोट दिया, जिसका नतीजा ये हुआ कि यहां सत्यपाल सैनी की जीत हुई. चुनाव जीतने के बाद सत्यपाल सैन ने भी इस बात को स्वीकार किया कि उनकी जीत में मुस्लिमों का बड़ा योगदान है. मुस्लिमों का 90 प्रतिशत वोट उन्हें मिला है.

 

सपा से मुस्लिम वोटरों का मोहभंग

इस विधान परिषद सीट पर चारों जनपदों में ग्राम प्रधान, सभासद , बीडीसी सदस्य , जिला पंचायत सदस्य आदि बड़ी संख्या में मुस्लिम हैं. जिन्होंने इस चुनाव में बीजेपी को वोट किया है. ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या विधानसभा चुनावों के बाद से मुस्लिम वोटरों का सपा से मोहभंग हो गया है और वो पार्टी से दूरी बनाने लगे है. क्या यही वजह है कि सपा के बड़े नेता और संभल के सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क हों या फिर रामपुर में आज़म खान का परिवार दोनों की नाराजगी खुलकर देखने को मिल रही है.

 

सपा के लिए खतरे की घंटी

सपा के मुस्लिम सांसद डॉ एस टी हसन और तमाम मुस्लिम विधायकों में भी खामोशी देखने को मिल रही है वो कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या मुस्लिम सपा को छोड़कर कोई और विकल्प तलाश कर रहे हैं. बीजेपी के एमएलसी जिस तरह से खुलकर मुसलमानों का आभार जता रहे हैं वो सपा के लिए खतरे की घंटी है.

 

बीजेपी की जीत से बने नए समीकरण

आपको बता दें की सत्यपाल सैनी 2014 में संभल से लोकसभा सांसद रह चुके हैं और अब भाजपा के प्रत्याशी के रूप में एमएलसी का चुनाव जीत कर विधान परिषद पहुंच गए हैं. सपा के गढ़ में उनकी जीत ने यहां नए राजनीतिक समीकरणों को जन्म दे दिया है. माना जा रहा है कि अब मुस्लिम मतदाता सपा को छोड़ कर भाजपा की तरफ भी तेज़ी से जा रहे हैं और इस जीत से बीजेपी भी गदगद है.

 

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